अप्रैल माह का राशिफल पं. गोविन्दराम की कलम से

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विकास अग्रवाल

काशीपुर (महानाद) : अप्रैल माह का राशिफल

मेष (चू, चे, चौ, ला, ली, लू, ले, लो, अ): ता. 6 तक मंगल उच्चस्थ होने से आय के साधनों में सुधार होगा। कार्य क्षेत्र में कुछ परिवर्तन और मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिवारिक जीवन में वातावरण सुखद रहेगा और नवीन योजना भी बनेगी।
उपाय – 4 मंगलवार सुन्दर काण्ड का पाठ करें, शुभ रहेगा।

वृष (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, बो): मासारम्भ में कुछ परिवारिक परेशानियां रहेंगी, परन्तु ता. 12 से राहु का संचार हट जाने से परिस्थितियां कुछ अनुकूल होंगी। शुक्र दशम स्थान में होने से मंगल गुरु युक्त होने से आय के साधन बनते रहेंगे। परन्तु क्रोध से परिवार में कलह तनाव अधिक रहेगा।
उपाय – नित्य 21 दिनों तक गाय को मीठी रोटी खिलाएं, शुभ रहेगा।

मिथुन (क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह): ता. 8 से बुध लाभ (मेष) स्थान में राहु युक्त होने से कार्य व्यवसाय सम्बन्धी योजनाओं के क्रियान्वयन में अभी विलम्ब होगा। सन्तान के करियर सम्बन्धी चिन्ता रहेगी। विदेश सम्बन्धी कार्यो में कुछ प्रगति, कुछ विघ्न भी आयेंगे। परन्तु सफलता मिलेगी।
उपाय – चार बुधवार को किसी मन्दिर में डेढ़ किलो $ डेढ किलो दो तरह के मौसमी फल दान करें, शुभ रहेगा।

कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो): ता. 7 से मंगल अष्टमस्थ तथा गुरु व शनि की दृष्टियां रहने से मिश्रित फल घटित होंगे। धन का अपव्यय, किसी उच्चाधिकारी से विरोध। अकारण परिवार में तनाव। किसी बिगड़े कार्य के बन जाने से मन में खुशी, व्यवसाय में कुछ संघर्ष करना पड़ेगा।
उपाय – चार मंगलवार को 4 किलो गुड़ का दान करें, शुभ रहेगा।

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे): ता. 12 से शुक्र तथा गुरु की सप्तम दृष्टि एवं ता. 13 तक सूर्य अष्टमस्थ होने से स्वास्थ्य नरम, घरेलु परेशानियों के कारण तनाव की स्थिति रहेगी। पिता एवं स्वयं का स्वास्थ्य खराब। शत्रुओं से सतर्क रहें। ता. 14 से प्रतिष्ठित लोगों से सम्पर्क एवं भाग्य वृद्धि के योग बनेंगे।
उपाय – नित्य 21 दिनों तक श्रीसूक्त का पाठ करें, शुभ रहेगा।

कन्या (टो, प (प्र), पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो): ता. 8 से 23 तक राशि स्वामी बुद्ध अष्टमस्थ तथा ता. 12 से वर्षान्त तक गुरु की दृष्टि रहने से स्वास्थ्य में विकार। बनते कार्यो में विघ्न तथा धन हानि के संकेत हैं। अत्यधिक कठिनाई से निर्वाह योग्य धन के साधन प्राप्त होंगे। ता. 24 से बुध भाग्यस्थ होने से परिस्थितियों में धीरे-धीरे सुधार होगा।
उपाय – 21 दिनों तक गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें, शुभ रहेगा।

तुला (री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते): शुक्र पंचमस्थ (मित्र क्षेत्री) होने से विद्या में सफलता। सोची हुई योजनाओं में कामयाबी। स्त्री अथवा सन्तान सुख तथा सवारी आदि सुखों में लाभ। ता. 12 से केतु का संचार इस राशि पर होने से प्रत्येक कार्य रुकावटों एवं विघ्नों के बाद पूर्ण होगा। सन्तान सम्बन्धी चिन्ता, वृथा भागदौड़ भी रहेगी।
उपाय – काले कुत्ते को नित्य चपाती खिलाएं, शुभ रहेगा।

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, पा, पी, यू): ता. 7 से मंगल चतुुर्थस्थ शनि युक्त होगा। जिससे व्यर्थ की भागदौड़, बेचैनी, मानसिक तनाव व गुप्त चिन्ता रहेगी। ता. 12 से केतु का संचार हट जाने से व्यवसाय में उन्नति एवं किसी विशेष व्यक्ति के सहयोग से कोई बिगड़ा कार्य बनेगा।
उपाय – 21 दिनों तक गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं, शुभ रहेगा।

धनु (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, डा): अत्याधिक परिश्रम के पश्चात ही निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। धार्मिक कार्यो की ओर रुचि जागृत होगी। परन्तु मानसिक तनाव व क्रोध की भावना अधिक रहेगी। अधिकांश समय मनोरंजन, भोग-विलास या यात्रा आदि में व्यतीत होगा।
उपाय – 3 शनिवार को 3 कच्चे नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें, शुभ रहेगा।

मकर (भे, ज, जी, जू, जे, जो, ख, खी, खू, खे, खो, ग, गी): ता. 12 तक तृतीयस्थ सूर्य पर शनि की दृष्टि होने से किसी निकटस्थ से मतभेद एवं व्यवसाय के क्षेत्र में (साझेदारी) विभिन्न परेशानियों का सामना रहेगा। अपने भी परायों जैसा व्यवहार करेंगे। ता. 14 से अष्टम सूर्य उचस्थ परन्तु राहु युक्त होने से स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
उपाय – नित्य 21 दिनों तक आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें, सूर्य को अर्ध्य दें, शुभ रहेगा।

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा): इस राशि पर मंगल, शुक्र का संचार होने से व्यवसाय एवं गृह सम्बन्धी उलझनें बढ़ेंगी, आय कम व खर्च अधिक होंगे। दुर्घटना में चोट आदि लगने का भय भी रहेगा। शनि द्वादशस्थ रहने से बनते कार्यो में विघ्न बाधाएं, स्वास्थ्य में खराबी एवं तनाव की स्थिति होगी।
उपाय – महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवायें, शुभ रहेगा।

मीन (दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, ची): पूर्वार्द्ध भाग में सूर्य संचार करने से मिश्रित फल प्राप्त होंगे। बने कार्यो में अड़चने पैदा होंगी। ता. 13 से गुरु इसी स्वराशि में संचार करने से उच्च प्रतिष्ठित लोगों में सम्पर्क स्थापित होंगे। कार्य व्यवसाय में परिवर्तन व विस्तार सम्बन्धी योजना बनेगी।
उपाय – गणेश अथर्व शीर्ष का पाठ करें, शुभ रहेगा।

 

।। श्री ठाकुर देवाय नमः ।।
पं. गोविन्द राम
ज्योतिषाचार्य
श्री बांके बिहारी मन्दिर
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श्री बांके बिहारी मन्दिर, मौहल्ला रहमखानी, पुरानी सब्जी मण्डी, काशीपुर ;उ.सिं.नगरद्ध
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