बिलों को क्लियर करने की एवज में मांग रहे थे 1 प्रतिशत रिश्वत
मोहाली (महानाद) : पंजाब विजिलेंस विभाग की टीम ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजय पोपली को चंडीगढ़ से और उनके सचिव रहे संजीव वत्स को जालंधर से गिफ्तार कर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। दोनों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
विजिलेंस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करनाल निवासी एक ठेकेदार ने वरिष्ठ आईएएस संजय पोपली के खिलाफ एंटी करप्शन हेल्पलाइन में शिकायत कर आरोप लगाया था कि अधिकारी बिलों को क्लियर करने की एवज में उससे 1 प्रतिशत रिश्वत मांग रहे थे। उन्होंने बताया कि नवांशहर में 7 करोड़ रुपये की सीवरेज परियोजना की शुरुआत कांग्रेस सरकार के समय में की गई थी।
ठेकेदार ने 12 जनवरी 2022 को आईएएस अधिकारी के सचिव के रूप में तैनात अधीक्षक स्तर के अधिकारी संजीव वत्स के माध्यम से 3.5 लाख रुपये का भुगतान किया। विजिलेंस विभाग ने दावा किया कि संजय पोपली ठेकेदार से शेष 3.5 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने फोन कॉल रिकॉर्ड कर लिया और भ्रष्टाचार रोधी हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। पोपली पहले जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड में तैनात थे।