सारा काम हम करेंगे तो फिर राज्यसभा-लोकसभा क्या करेंगी?

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नई दिल्ली (महानाद) : बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने राजनीतिक विषयों को कोर्ट के सामने लाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर आपके सारे मामलों पर हम सुनवाई कर ऑर्डर जारी करेंगे तो फिर लोकसभा-राज्यसभा में राजनीतिक प्रतिनिधियों को चुनकर क्यों लाया जाता है? उन्होंने पूछा कि क्या अब हमें बिल भी पास करना पड़ेगा?

अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोर्ट से अपील की थी कि वो सरकार को एक साल के भीतर देशभर में मौजूद रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान कर उन्हें पकड़ने और वापस भेजने का आदेश दे।

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मेंशनिंग ऑवर्स के दौरान अश्विनी उपाध्याय ने मुख्य न्यायाधीश के सामने रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा रखते हुए तुरंत सुनवाई की मांग की। उपाध्याय ने कहा कि 5 करोड़ रोहिंग्या रिफ्यूजी हमारे जीने का अधिकार हमसे छीन रहे हैं। इसपर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मिस्टर उपाध्याय, क्या हम हर रोज आपका ही केस सुनने के लिए बैठे हैं? सूरज के नीचे जितनी भी समस्याएं हैं सभी? संसद की समस्याएं, नॉमिनेशन की समस्याएं, इलेक्शन रिफॉर्मस सब कुछ हम हीं सुनें? ये सब राजनीतिक मुद्दे हैं जिन्हें सरकार के सामने रखने की जगह कोर्ट के सामने रखा जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि गंभीर राजनीतिक विषयों को कोर्ट में लाकर कोर्ट पर और बोझ डाला जा रहा है जबकि इनका समाधान सरकार की तरफ से किया जाना चाहिए।

इसपर अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि कुछ राज्यों ने भी इस मामले पर जवाब दिया है। इसपर मुख्य न्यायाधीश ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि अगर आपके पास काउंटर एफिडेविट है तो हम इस केस को लिस्ट कर सकते हैं। इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वो इस केस के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।