विकास अग्रवाल
महानाद डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में यहां 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक के सबसे अहम पड़ाव कहे जाने वाले चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया। 1.315 किलोमीटर लंबा यह पुल सबसे कठिन और सबसे ज्यादा समय लेने वाला हिस्सा है। इस ब्रिज को बनाने के फैसले से लेकर उद्घाटन तक में 22 साल का समय लग गयाा। यह पुलिस विश्व का सबसे ऊंचा पुल है और एफिल टावर से भी ऊंचा है।
इस ब्रिज का डिजाइन कनाडा की कंपनी डब्ल्यूएसपी ने बनाया है। इसे स्टील के 17 खंभों पर खड़ा किया गया है, जो कि एक आर्क (धनुषाकार) लोहे के बेस पर स्थापित है। यह आर्क चिनाब नदी के अगल-बगल मौजूद पहाड़ियों पर टिका है और यह पुल के बीचों बीच 469 मीटर के दायरे से सटा है। बाकी का दायरा खंभों पर ही टिटाक हुआ है। इसे बनाने के लिए 3000 फीट ऊंचाई तक काम करने वाली केबल क्रेन्स को चिनाब नदी के दोनों किनारों पर खड़ा किया गया। इन क्रेन्स के जरिए ही स्टील को चरणबद्ध तरीके से पहाड़ी के बीच में पुल बनाने के काम में लाया गया।
ब्रिज के हर पार्ट को 63 मिमी. की विशेष ब्लास्ट-प्रूफ स्टील से तैयार किया गया है, जिससे आतंकी हमले की स्थिति में भी पुल पर फर्क न पड़े और धमाके के बाद भी ट्रेन कम से कम 30 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से पुल के पार चली जाए।
1983 में मंजूर हुई यह जम्मू-उधमपुर परियोजना अपने तय समय से 16 साल बाद पूरी हुई है। इसमें अनुमानित 50 करोड़ से 10 गुना ज्यादा 515 करोड़ का खर्च आया। अब तक प्रोजेक्ट का खर्च 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है। इनमें करीब 1500 करोड़ रुपये का खर्च बक्कल और कौरी के बीच मौजूद चिनाब रेलवे ब्रिज को बनाने में ही आया है। इस परियोजना के तहत पहाड़ों के बीच से 20 बड़ी सुरंगों का निर्माण हुआ। इनमें सबसे बड़ी सुरंग 2.5 किमी तक लंबी है। इसके अलावा रूट पर 158 पुल भी हैं, जिनमें सबसे ऊंचा पुल 77 मीटर ऊंचा है। साल 2005 में ही उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए। इस प्रोजेक्ट की कठिनाई को देखते हुए इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिला।