जसपुर : कमिश्नर का बड़ा फैसला, एसडीएम का फैसला गलत, पुलिस को नहीं था एफआईआर का हक

0
338

नैनीताल/जसपुर (महानाद) : डिवीजनल कमिश्नर नैनीताल ने कम स्टांप लगाकर जमीन की रजिस्ट्री कराने के आरोप में पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर तथा एसडीएम जसपुर द्वारा उक्त मामले में दिये गये फैसले को विधिक रूप से गलत बताते हुए मुकदमा खारिज कर दिया।

बता दें कि पूर्व आईआरएस की पत्नी वंदना रानी के विरुद्ध रवीश जैन एडवोकेट द्वारा एक रजिस्ट्री में स्टाम्प ड्यूटी चोरी की शिकायत एसडीएम जसपुर को 23 सितम्बर 2020 को दी गई। एसडीएम जसपुर ने उसी दिन मामले की जांच हेतु वह शिकायत नायब तहसीलदार को देदी। नायब तहसीलदार ने उस पर अपनी रिपोर्ट 3 अक्टूबर 2020 को एसडीएम जसपुर को सौंपी। रिपोर्ट में नायब तसीलदार का मत था कि आबादी भूमि को कृषि भूमि दिखाकर कम स्टाम्प ड्यूटी दी गई।

रवीश जैन द्वारा नायब तहसीलदार की रिपोर्ट लेकर 3 अक्टूबर 2020 को तक कोतवाली जसपुर में आईपीसी की धारा 420 में रिकाॅर्ड से छेड़खानी करने और फर्जी दस्तावेज बनाकर स्टाम्प ड्यूटी का अपवंचन की शिकायत की गई। दिनांक 13 अक्टूबर 2020 को पुलिस ने इस शिकायत के आधार वंदना रानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी।

जब इस एफआईआर की सूचना वंदना रानी को मिली तो उन्होंने वकील के माध्यम से अपना पक्ष रखा और सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के निर्णयों के आधार पर दलील दी कि स्टाम्प ड्यूटी का मामला डीएम/एडीएम (वित्त एवं राजस्व) के अधिकार क्षेत्र में आता है, जिसके बाद पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ और पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी कि इस मामले में धारा 420 का कोई अपराध नहीं बनता।

वहीं, एसडीएम जसपुर द्वारा आदेश पारित किया गया कि इस मामले में भूमि के मूल्यांकन में गलती हुई है अतः 2.86 लाख की डिमांड निकाली गई। जिसके बाद वंदना रानी ने डिवीजनल कमिश्नर की कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल की गई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के निर्णयों के आधार पर एसडीएम के निर्णय को विधिक तौर पर गलत करार दिया गया। निर्णय मे यह कहा गया चूंकि एसडीएम जसपुर द्वारा भूमि को जमींदारी अबोलिशन एक्ट में आबादी भूमि घोषित नहीं किया गया। अतः इस भूमि को कानूनी तौर पर कृषि भूमि ही माना जाएगा।

जब इस मामले में मुंबई में रह रहीं वंदना रानी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि रवीश जैन, उनके बेटे व परिवार से रंजिश रखते हैं। और उन्होंने यह एफआईआर उनके परिवार पर प्रेशर बनाने के लिए कि थी ताकि उनके व उनके पिता आरबी जैन के खिलाफ एक चेक फोर्जरी का मामला जो रुद्रपुर में लंबित है उसमें वंदना रानी के पुत्र गवाही न दें।

वंदना रानी का मानना है इस प्रकरण मे नायब तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध है। उसके द्वारा रिपोर्ट उस दिन दाखिल की गई जब डीएम ने उनको उनके कार्यभार से हटा दिया था। वह इस मामले में उचित स्तर पर रवीश जैन व अन्य के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की मांग करेंगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here