काशीपुर : ब्लैकमेल कर की थी शादी, हथियाना चाहती थी संपत्ति, मुझे हत्या का कोई मलाल नहीं

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : एसएसपी मणिकांत मिश्रा की नाकेबंदी की योजना के कारण काशीपुर पुलिस ने अपनी पत्नी की निर्मम हत्या कर फरार हुए हत्यारे पति को मुकदमा दर्ज होने के महज 2 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया।

आपको बता दें कि दिनांक 12.2.2025 को चौकी कटोराताल पर मौहल्ला ओझान से एक व्यक्ति ने चौकी आकर सूचना दी कि खान मेडिकल स्टोर के बगल में ही किराए पर रह रही एक महिला को उसके पति ने चाकू मार दिया है। सूचना पर सीओ दीपक सिंह, इंस्पेक्टर काशीपुर अमर चंद शर्मा मय पुलिस बल के मौके पर पहुंचे तो देखा कि सुनीता देवी (38 वर्ष) नाम की महिला अत्यधिक लहूलुहान स्थिति में गंभीर व चित्त अवस्था में पड़ी थी। मौके पर उपस्थित उसके पुत्र ने बताया कि उसके सौतेले पिता भगवानदास यादव ने चाकू मारकर उसकी मां की हत्या कर दी है। उसने बताया कि उसके पहले पापा की 8 वर्ष पूर्व मृत्यु के उपरांत उसकी मां ने भगवान दास से कोर्ट मैरिज कर ली थी। उक्त महिला को यथासंभव सरकारी अस्पताल भिजवाया गया, किंतु चिकित्सक द्वारा ब्राउट डेड होना बताया। घटना के संबंध में सुनीता देवी के पुत्र सन्नी की तहरीर के आधार पर भगवानदास के विरुद्ध हत्या का मुकदमा (103 (1)) दर्ज कराया गया।

मामले में संज्ञान लेते हुए एसएसपी उधम सिंह नगर मणिकांत मिश्रा द्वारा हत्या जैसे जघन्य अपराध के त्वरित अनावरण करने के लिए सीओ काशीपुर तथा कोतवाल काशीपुर को निर्देश दिए और साथ ही साथ बताया कि शहर की नाकेबंदी की जाए, क्योंकि घटना के संबंध में यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि हत्या करने के उपरांत हत्यारोपी वहां से थोड़ी देर पहले ही निकल भागा है।

सीओ दीपक सिंह एवं इंस्पेक्टर अमर चंद शर्मा

प्राप्त निर्देशों के क्रम में नगर में आसपास के संदिग्ध स्थानों पर ढूंढ खोज और नाकेबंदी की गई, जिस पर हत्यारोपी भगवानदास को कलश मंडप जाने वाले रास्ते से गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ करने पर हत्यारोपी भगवानदास ने बताया कि वह जल संस्थान से फिटर के पद से रिटायर्ड हुआ है। उसकी सुनीता देवी बिचौलिये का काम करती थी, जो शादियां करवाती थी, जिससे उसका सम्पर्क हुआ। उसके बेटे राहुल का रिश्ता भी सुनीता देवी ने करवाया था। सुनीता देवी ने अपने व उसके साथ के आपसी संबंध की वीडियो बनवा ली थी और उसके आधार पर उस पर दबाव बनाकर उससे शादी कर ली थी।

भगवानदास ने बताया कि वह अक्सर मेरी सम्पत्ति पर नजर रखती थी तथा सम्पत्ति को बेचने का दबाव डालती रहती थी। सुनीता उसके पुरुषत्व को ठेस पहुंचती थी और रेलवे के टीटी से चौथी शादी करने की बात बोलती थी, पूर्व में वह 2 शादियां कर चुकी थी। उसने उसकी जिंदगी खराब कर रखी थी। अगर वह उसे ना मारता तो वह उसे मार देती। उसने बताया कि उसने सुनीता देवी के नाम पर मकान खरीदने के लिए प्रोपर्टी डीलर को 1.5 लाख रुपये दिये हैं, जिसकी कल-परसों रजिस्ट्री होनी थी, उसके बाद सुनीता मुझे मरवा देती, क्योंकि मैंने सुनीता व उसके बेटे को बात करते हुए सुना था कि रजिस्ट्री होने के बाद इसका काम तमाम कर देंगे।

भगवानदास ने बताया की उसने दिल में ठान ली थी कि मैं इसे मार दूंगा और उसने सुनीता को बहकावे में लेकर उसके बाल पकड़ कर सब्जी काटने वाले चाकू से उसका गला रौंद दिया। मुझे कोई मलाल नहीं है। मैं सुनीता को नहीं मारता तो ये मेरी सम्पत्ति व मुझे नुकसान पहुंचा देती।

पुलिस टीम में सीओ दीपक सिंह, कोतवाल अमर चन्द शर्मा, एसएसआई अनिल जोशी, एसआई सौरभ भारती, बिपुल जोशी, चन्दन सिंह, मनोज धौनी, कंचन पडलिया, संतोष देवरानी, एएसआई अजीत सिंह, प्रकाश बोरा आदि शामिल थे।

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