काशीपुर को कस्बे से भी बुरी स्थिति में पहुंचाने के लिए सांसद, विधायक और मेयर हैं जिम्मेदार : दीपिका गुड़िया

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काशीपुर (महानाद) : शहर के नाले – नालियों, गूल व गैबिया नाले की बेहतर सफाई का दावा करने वाले नगर निगम प्रशासन एवं मेयर उषा चौधरी से उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्य एवं कांग्रेस नेत्री डाॅ. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने सवाल किया है कि यदि बेहतर सफाई के बावजूद मानसून के दौरान क्षेत्र में जलभराव हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

गुड़िया ने स्थानीय विधायक हरभजन सिंह चीमा से जानना चाहा है कि वे रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण की अत्यंत धीमी गति के प्रति गंभीर क्यों नहीं हैं?

प्रेस को जारी अपने वक्तव्य के माध्यम से दीपिका गुड़िया आत्रेय ने कहा कि काशीपुर में जलभराव एक ऐसी समस्या है, जिससे प्रत्येक वर्ष विशेष रूप से व्यापारी वर्ग को भारी क्षति होती है। कोविड के चलते पहले ही व्यापारी भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं। अगर जलभराव जैसी समस्या आ गई तो स्थिति काफी परेशान करने वाली होगी। इसके अलावा विद्यार्थियों एवं नौकरपेशा लोगों को भी खासी दिक्कत पेश आती है। इस बार भी मानसून करीब है, लेकिन जलभराव की समस्या के निस्तारण के प्रयास नहीं किये गये हैं। हाँ, इस संबंध में नाले – नालियों, गूल व गैबिया की सफाई के साथ ही कई तरह के तर्क अवश्य ही नगर निगम प्रशासन व मेयर उषा चौधरी द्वारा दिये जा रहे हैं। जबकि नगर के अंदर कई ऐसे इलाके हैं जहां नालियाँ बुरी तरह से भरी हुई हैं और भीषण गंदगी का आलम है।

दीपिका गुड़िया ने स्पष्ट कहा है कि या तो जलभराव की समस्या का निस्तारण किया जाए या फिर इससे प्रभावित होने वाले व्यापारियों एवं अन्य लोगों को मुआवजा देने की व्यवस्था की जाए।

आरओबी निर्माण की धीमी गति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि नगर प्रशासन व स्थानीय विधायक इस ओर कतई गंभीर नहीं हैं। आसपास के व्यापारी कारोबार चौपट होने से परेशान हैं। सर्विस रोड न बन पाने से उन्हें भारी दिक्कत पेश आ रही है। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि भाजपा के सांसद, विधायक व मेयर इस क्षेत्र में पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं। यही वजह है कि सरकारी मशीनरी भी यहां पूरी तरह से सुस्त है और कभी औद्योगिक नगरों में शुमार काशीपुर आज कस्बे से भी बुरी स्थिति में आ पहुंचा है।

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