एफयू खान
काशीपुर (महानाद) : तहसीलदार न्यायालय में योजित दो मामलों में पेश किए गए फर्जी दस्तावेजों की जांच किए बिना दूसरे पक्ष को हानि पहुंचाने के एक मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर काशीपुर निवासी राजीव घई पुत्र केसी घई सहित तत्कालीन तहसीलदार, तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी पंचायत एवं तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि मकान नंबर 28, वेस्ट पंजाबी बाग, नई दिल्ली निवासी शैलेंद्र घई ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि तहसीलदार काशीपुर के न्यायालय में योजित दो मामलों में उसके भाई राजीव घई द्वारा फर्जी व कूट रचित दस्तावेज पेश किए गए। उत्त दस्तावेजों की जांच किए बिना फर्जी साक्ष्यों के आधार पर पत्रवलियों में आदेश पारित करने से उसे बड़ी क्षति पहुंची। इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा ऊपरी न्यायालयों की शरण लेने पर उत्तराखड राजस्व परिषद द्वारा जांच में पाया गया कि आदेश विधिक एवं तांत्रिक अनियमितता से ग्रसित है। उत्त मामले में तत्कालीन तहसीलदार द्वारा अपने पद का दुरुपयोग किया गया है।
अपर जिलाधिकारी नजूल से प्रकरण की जांच कराने पर तत्कालीन तहसीलदार, काशीपुर को दोषी पाया गया। इस मामले में निदेशक सतर्कता निदेशालय देहरादून द्वारा तत्कालीन तहसीलदार, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, ग्राम पंचायत अधिकारी काशीपुर एवं राजीव घई के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना की जाने की संस्तुति की गई। इन्हीं तमाम पत्रवली को मद्देनजर करते हुए पुलिस ने शिकायतकर्ता की तहरीर के आधार पर उपरोक्त चारों के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत करते हुए जांच की कार्यवाही शुरू कर दी है।
वहीं, मामले की जानकारी देते हुए एसपी काशीपुर प्रमोद कुमार ने बताया कि दिल्ली निवासी शैलेंद्र घई की तहरीर के आधार पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आयेंगे उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जायेगी।