कालाढूंगी निवासी महिला के बच्चों के साथ खतना के नाम पर हुई क्रूरता, धर्म परिवर्तन के नहीं मिले सबूत

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शिशिर भटनागर
रामपुर (महानाद) : कालाढूंगी निवासी एक महिला के बच्चों के साथ रामपुर ग्राम बैरुआ में खतना के नाम पर क्रूरता करने का मामला सामने आया है। मामले की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा. विशेष गुप्ता टीम के साथ गांव पहुंचे और मामले की छानबीन की। डा. विशेष गुप्ता ने बताया कि सैफनी चैकी क्षेत्र के बैरुआ गांव में हुई घटना के बार में में गांववालों से जानकारी ली गई है ग्राम प्रधान के बयान भी दर्ज किये गये हैं। महिला के धर्म परिवर्तन को लेकर कोई सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन उसके बच्चों के साथ खतना के नाम पर क्रूरता की गई है। उक्त कृत्य किशोर अधिनियम की धारा 75 के अंतर्गत आता है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार शाहबाद तहसील के सैफनी चैकी के बैरुआ गांव निवासी ट्रक चालक महफूज की दोस्ती उत्तराखंड के बाजपुर निवासी हरकेश से थी। विगत आठ मई को हरकेश की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। जिसके बाद उसकी पत्नी अपने बच्चों के साथ कालाढूंगी (नैनीताल) में रहने लगी थी। महफूज लगातार उसकेसंपर्क में था और फिर वह उसे व उसके बच्चों को सहारा देने के बहाने अपने गांव ले आया। आरापे है कि महफूज ने उसका धर्म परिवर्तन करवाकर उससे निकाह कर लिया और महिला और उसके बच्चों के नाम भी परिवर्तित कर दिये। इसके बाद महफूज ने महिला के दोनो बेटों का खतना करवाकर पूरे गांव को दावत दी। जिसके बाद उक्त मामला चर्चा में आया और पुलिस ने बैरुआ गांव में छापा मारकर महफूज के घर से महिला व उसके बच्चों को छुड़ाकर महफूज, उसके पिता अंजार, मां मुमताज और खतना कराने वाले पुराना रायपुर गांव निवासी शकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था जबकि महफूज फरार होने में कामयाब हो गया था।
इसके बाद मामला केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग पहुंचा जहां से निर्देश मिलने के बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने बैरुआ गांव पहुंचकर घटना की जानकारी ली। उन्होंने प्रधान पुत्र मौहम्मद उबैद से बात की। ग्रामीणों के भी बयान दर्ज किये। जिसमें बताया गया कि आरोपी महफूज के घर में उक्त महिला के साथ मंगनी हुई थी। खतना की दावत भी हुई थी लेकिन निकाह े बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं।
मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। हमारा उद्देश्य पीड़ित महिला और उसके बच्चों को इंसाफ दिलाना है। इसके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत उनका पुनर्वासन कराया जाएगा। महिला और उसके बच्चों को बिलासपुर के नवाबगंज गुरुद्वारे में शरण दी गई है। महिला वहां पूरी तरह सुरक्षित है।
इस दौरान उनके साथ उनके साथ उप जिलाधिकारी शाहबाद राकेश कुमार गुप्ता, सीओ मिलक श्रीकांत प्रजापति एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेश कुमार भी मौजूद थे।

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