कोविड की बाध्यता है, लेकिन यह कुंभ स्नान में रूकावट नहीं बनेगा: तीरथ सिंह रावत

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अभिनव अग्रवाल
हरिद्वार (महानाद) : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ 12 साल में एक बार आता है। यह केवल प्रदेश ही नहीं देश और दुनिया का कुंभ है। इसको भव्य बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की बाध्यता है, लेकिन यह रूकावट नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अद्भुत कार्यशैली से लाकडाउन में भी लोगों का ध्यान सरकार ने रखा है। उन्होंने मोदी है तो मुमकिन है के नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें किसी को कुंभ में स्नान से वंचित नहीं रखना है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत रविवार को समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) की ओर से राजकीय ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के मदन मोहन मालवीय आडिटोरियम में आयोजित नेत्र कुंभ का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दिव्य भव्य कुंभ का आयोजन कराने को तत्पर हैं। इसलिए शाही स्नान के दिन संत समाज के ऊपर हैलीकाॅप्टर से पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत अभिनंदन किया। हरकी पैड़ी पर संतजनों और मां गंगा का आशीर्वाद लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बेरोकटोक कुंभ स्नान के संदेश से हरिद्वार में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इस कदम से साधु संत, आमजन के साथ ही व्यापारी वर्ग भी खुश हैं। आगामी स्नानों में इसको और विस्तार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान साढ़े चार हजार लोगों पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें वापस करने का आदेश जारी कर दिया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हमें कोविड गाइडलाइंस का पालन भी करना चाहिए। कुंभ में बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। विशेष ट्रेनों के लिए भी उनका प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है, द्वापर, त्रेत्रा युग में जिस प्रकार देवताओं की जय जयकार होती थी, आने वाले समय में पूरे विश्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जय जयकार होती रहेगी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अपने आशीर्वचन में कहा कि ऐसे सेवाभाव के कार्यो में सहयोग करना भी एक पुनीत कार्य है। हमें इस दुनिया से जाने से पहले नेत्रदान का पुण्य कार्य अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है और सरकार को आगे भी आस्था के इस हरिद्वार कुंभ को प्रयागराज से बेहतर कराने के लिए कार्य करना चाहिए।

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अपने संबोधन में कहा कि गीता की शुरूआत धृतराष्ट्र से हुई। संजय को दिव्य दृष्टि प्राप्त थी। उन्होंने कहा कि हम जो कुछ करते हैं वही हमें देखने को मिलता है। दुनिया देखने के लिए नेत्र ज्योति बहुत महत्वपूर्ण है।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सेवा परम धर्म है। उन्होंने कहा कि वह सक्षम संस्थान के इस सेवा कार्य को नमन करते हैं। नेत्र विकार को दूर करने के क्षेत्र में हंस फाउंडेशन की माता मंगला जी का कार्य भी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पतंजलि की ओर से भी ऐसे नेक कार्य में पूरा सहयोग मिलेगा।

सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाल सिंह पंवार ने कहा नेत्र कुंभ का नारा जीते जीते रक्तदान, जाते जाते नेत्रदान है। हंस फाउंडेशन की माता मंगला ने भी अपने संबोधन में कहा कि हंस फाउंडेशन नेत्र कुंभ में पूरा सहयोग प्रदान करेगा। हरिद्वार में फाउंडेशन की दो यूनिट नेत्र रोगियांे की सेवा कर रही है। इस नेत्र कुंभ में आने वाले नेत्रहीनों को दृष्टि का प्रसाद मिलेगा।

आयोजकों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक एवं मुख्यमंत्री की पत्नी डाॅ. रश्मि रावत को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।

इसके पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण आदि ने दीप प्रज्ज्वलित किया। वेद विद्यालय कनखल के 11 विद्यार्थियों ने सरस्वती वाचन और वैदिक मंत्रोच्चार किया। स्वागत समिति के अध्यक्ष उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सुनील जोशी ने उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मान किया। उद्योगपति जेसी जैन, अरुण सारस्वत, शिवालिक नगर नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष राजीव शर्मा, मोनू त्यागी, जगदीश लाल पाहवा आदि का मुख्यमंत्री ने उनके सामाजिक कार्यों के लिए अभिनंदन किया। वीडियो के माध्यम से नेत्र कुंभ के आयोजन के उद्देश्य और सक्षम संस्थान के कार्य पर प्रकाश डाला गया। मंच संचालन अमित चैहान ने किया।

इस मौके पर महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस, एम्स ऋषिकेश के डायरेक्टर डाॅ. रविकांत, डाॅ. यतीन्द्र नाग्नयाल, आरएसएस के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले, आरआरएस के प्रांत प्रचारक युद्धवीर आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री इसके बाद कनखल के हरिहर आश्रम में पहुंचे। वहां उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज से मुलाकात की। इसके बाद मुख्यमंत्री निरंजनी अखाड़ा पहुंचे। जहां उनका आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि, निरंजनी अखाड़ा के सचिव रविन्द्र पुरी महाराज, बालकानंद गिरि आदि ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने अखाड़े में भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना भी की।

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