शाबाश : कुंडा पुलिस ने मात्र 3.30 घंटे में किया चंद्रपाल के हत्यारों को गिरफ्तार

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कुंडा (महानाद) : कुंडा पुलिस ने मात्र 3.30 घंटे में चंद्रपाल के हत्यारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बता दें कि 15-06-2021 को सचिन कुमार पुत्र स्व. चन्द्रपाल सिंह निवासी ग्राम टीला, थाना कुण्डा, जनपद उधम सिंह नगर ने पुलिस को तहरीर देकर अपने पिता की हत्या के बारे में बताया था और अपनी चाची तथा उसके प्रेमी पर हत्या का शक जताया था। जिसके आधार पर एफआईआर सं. 95/2021 धारा 302/120बी आईपीसी बनाम मंजीत सिंह व सविता देवी दर्ज कर जांच शुरु की गई।
जिसके बाद एसएसपी उधम सिंह नगर दलीप सिंह कुंवर व एसपी प्रमोद कुमार के निर्देश तथा सीओ काशीपुर एपी कोंडे के निर्देशन में पुलिस की 3 टीमों का गठन किया गया। टीमों द्वारा गहन पूछताछ करने पर सविता व मंजीत सिंह के बीच अवैध सम्बन्धों के बारे में पुख्ता जानकारी प्राप्त हुई। जिसमें साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त मंजीत सिंह व सविता देवी को मुकदमा दर्ज होने के मात्र 03.30 घण्टे की अल्प अवधि में ग्राम टीला से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ करने पर दोनों अभियुक्तों ने प्लान बनाकर चंद्रपाल सिंह की हत्या करना स्वीकार किया गया तथा मंजीत की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त आला ए कत्ल (ईट ), पहने हुए कपडे बरामद कर लिये गये।मामले का खुलासा करने पर एसएसपी उधम सिंह नगर ने टीम के उत्साहवर्धन हेतु 2500/- रुपये इनाम की घोषणा की है।
मामले की जानकारी देते हुए एसओ कुंडा अरविन्द चौधरी ने बताया सविता देवी का विवाह वर्ष 2009 में रामपाल सिंह निवासी ग्राम टीला, थाना कुण्डा, जिला उधम सिंह नगर के साथ हुआ था।उसके बाद से सविता देवी पिछले 4 सालों से मंजीत सिंह पुत्र करन सिंह से अवैध संबंध बनाये हुए थी। सविता के अवैध सम्बन्धांे के चलते गांव में चन्द्रपाल व पूरे परिवार की बेईज्जती हो रही थी, जिस कारण सविता का पति रामपाल, सविता के साथ मारपीट करता था तथा चन्द्रपाल भी सविता देवी को धमकाता था और यहां से अपने घर जाने के लिये कहता था।
लाॅकडाउन के कारण सविता देवी व मंजीत सिंह आपस में मिल नहीं पा रहे थे। जिस कारण उन्होंने प्लान बनाया कि हम बाहर जाकर शादी कर लेते है। इसको अंजाम देने के लिए 13 जून को दोनों मुरादाबाद पहुंचे और रेलवे स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। तभी पुलिस ने संदिग्ध जानकर पूछताछ की तो ये दोनों घबरा गये। पुलिस द्वारा परिजनों से बातचीत कराने को कहा तो मंजीत ने अपनी बुआ की नातिन रिंकी से बात करायी तब पुलिस द्वारा इनको छोड़ा गया। इसके बाद ये रात्रि में रेलवे स्टेशन के पास गेस्ट हाउस में रुके और गांव में बात फैलने के डर से 14 जून को मुरादाबाद से घर के लिये वापसी चले तो सविता देवी ने मंजीत से कहा कि मैंने तुम्हारे कारण सब कुछ छोड़ दिया है और रोज पिटाई भी खाती हूँ, गाली गलौच भी सुनती हूँ , यह कब तक चलेगा? तुमने मेरे लिये कुछ नहीं किया। तब मंजीत ने कहा कि क्या करना है? तब सविता ने कहा कि वादा करो कि मेरी बेइज्जती के बदले के लिये परिवार के मुखिया चन्द्रपाल सिंह को अपने रास्ते से हटा दोगे। और यह बात मंजीत सिंह द्वारा स्वीकार कर ली गयी और दोनो घर वापस आ गये
इसके बाद मंजीत 14 जून को कात्यायनी पेपर मिल में मजदूरी करने के लिये पहुंचा। और फिर वहां से चकमा देकर बाहर निकल गया और पैदल – पैदल हाईवे पुल पार करते हुए कुण्डा गांव पहुंचकर अन्दर-अन्दर चलकर गढ़ीनेगी रोड पर निकलकर अपने गांव टीला पहुंचा और पीछे-पीछे कच्चे रास्तों से निकलकर चन्द्रपाल के घर के पीछे पहुंचा तो देखा कि चन्द्रपाल जागा हुआ था। मंजीत ने चन्द्रपाल के सोने का इन्तजार किया और उसके उपरान्त चन्द्रपाल के सोने पर साईड की दीवार से फांदकर वहीं पर पड़ी ईट से चन्द्रपाल के सिर पर दोनो हाथों से प्रहार किया जिसमें अभियुक्त मंजीत की बांयी इंडैक्स फिंगर में भी चोट लग गयी। तब मंजीत तेजी से पीछे शमशान घाट वाले रास्ते पर चलते हए अपने कपड़े व आला ए कत्ल ईट को छिपाकर कच्ची नहर के रास्ते हाईवे पार करते हुए लालपुर गांव से होते हुए वापस कात्यायनी पेपर मिल की दीवार फांदकर पेपर मिल के अन्दर पहुंच गया।
मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में थानाध्यक्ष कुंडा अरविन्द चौधरी, एसआई बिजेन्द्र कुमार, विनय मित्तल, महेश चन्द्र, कां. नीरज बिष्ट, नरेश चौहान, देवेन्द्र बिष्ट, सुमित पंवार, हरीश कुमार, अमित कुमार यादव, लोकेश देवी, चालक ललित चौधरी, हेड कां. सतीश बाबू, क्लर्क संजय कालाकोटी, कां. सत्य वर्धन शामिल थे।

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