वार-पलटवार : नगर निगम की व्यवस्थाओं को सुधारने के बजाय मुझ पर आरोप लगा रही हैं मेयर साहिबा – दीपक बाली

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राज्य आंदोलनकारी दीपक बाली ने मेयर द्वारा दिये गये बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मेयर साहिबा अपने नगर निगम की व्यवस्थाओं को सुधारने के बजाय मुझ पर निगम की छवि खराब करने का गैर जिम्मेदाराना आरोप लगा रही हैं। इस शहर की सम्मानित जनता ने उन्हें बड़ी आशा और विश्वास के साथ मेयर चुना है और जिस नगर निगम की वे मेयर हैं यदि उस निगम में कोई गड़बड़ी होती है तो उसके प्रति वे नैतिक और संवैधानिक दोनों ही तरह से जनता के सम्मुख जवाबदेह हैं।

बाली ने कहा कि उनके पास उपलब्ध ऑडियो में निगम के जेई खुद कहते सुने जा रहे हैं कि बांसियों वाले मंदिर के पास बन रहे नाले के बारे में उन्हें न तो कोई जानकारी है और न ही वे उससे संबंधित टेंडर के बारे में जानते हैं। अब जरा शहर की भोली-भाली जनता खुद ध्यान दें कि वही जेई कुछ समय पश्चात अपने कर्मचारी संजय यादव से उक्त नाले के निर्माण के वर्क आर्डर की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए वीडियो में साफ नजर आ रहे हैं। वर्क आडर की इस प्रतिलिपि पर न किसी के हस्ताक्षर हैं और न कोई तारीख। भला जनता खुद सोचे कि यह गैर जिम्मेदारी किस की है? निगम की छवि मैं खराब कर रहा हूं या फिर मेयर साहिबा के निगम की व्यवस्था? जिस निर्माण कार्य की जानकारी नहीं थी उसका वर्क आर्डर 10 मिनट में कहां से आ गया? इस फर्जीवाड़े का जिम्मेदार कौन है?

बाली ने कहा कि अब तो उन्हें यह भी शक हो गया है कि उन्हें उपलब्ध कराई गई वर्क आॅर्डर की काॅपी फर्जी थी और मेरे मांगे जाने के बाद कोई दूसरी प्रतिलिपि बनाकर रिकाॅर्ड में लगा दी गई हो। लग रहा है कि निगम मे ऐसी ही कार्य संस्कृति बनकर रह गई है। अब मेयर साहिबा खुद जबाब दें कि निगम की छवि ऐसी कार्य प्रणाली स्थापित हो जाने से खराब हो रही है तो इसका जिम्मेदार कौन है? बेहतर होता कि वह मेरे ऊपर आरोप लगाने से पहले अपने गैर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध एक्शन लेतीं! जेई जिस निर्माण कार्य के बारे में मना कर रहे थे अब तो खुद मेयर साहिबा ने भी स्वीकार कर लिया है कि वहां निर्माण कार्य हो रहा है। इसका मतलब इनके जेई ही झूठ बोल रहे हैं।

आप नेता बाली ने कहा कि वे जो भी बात करते हैं तथ्य और सबूतों के आधार पर करते हैं और उनका मकसद केवल जनहित है न कि किसी की छवि खराब करना। और जनहित में ही वे मेयर साहिबा के कार्यकाल में बगैर टेंडर के वर्क आर्डर द्वारा अब तक कराए गए सभी कार्यों की जानकारी मांगेंगे ताकि पता चल सके कि जनता के सामने छवि कौन खराब कर रहा है। बाली ने अनुरोध किया है कि जनहित में नगर निगम वर्क आर्डर से काम कराने की बजाय टेंडर कराकर विकास कार्य कराए ताकि जनता के पैसे की बर्बादी रुके।

बाली ने यह भी मांग की है कि मेयर साहिबा जनता को बताएं कि उनके अब तक के कार्यकाल में कितने काम वर्क आर्डर से कराए गए हैं और कितने काम टेंडर करा कर? और कितनी कितनी धनराशि के? आज शहर की सड़कों का बहुत बुरा हाल है और सफाई व्यवस्था का तो बस भगवान ही मालिक है। क्या इससे नगर निगम की छवि प्रभावित नहीं हो रही है?

बाली ने कहा है कि उन्होंने तो नगर निगम से एक कागज मांगा था जिसे देने वाले भी निगम के ही कर्मचारी और अधिकारी हैं और वह कागज फाइल में से निकाल कर दिया गया या फिर कंप्यूटर में से वह कंप्यूटर और फाइल भी मेयर महोदया के नगर निगम की ही है। कागज असली है या नकली इसमें मेरा क्या दोष और मैंने निगम की छवि कैसे धूमिल कर दी?

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