जौलीग्रांट/देहरादून (महानाद) : एक युवती को नौकरी पाने के लिए युवक को ब्लैकमेल करना भारी पड़ गया। युवे ने उसे नौकरी तो नहीं दी लेकिन मौत दे दी।
बता दें कि कुशाल सिंह पुत्र कलम सिंह निवासी कुंडी पट्टी, केमर, जिला टिहरी गढ़वाल ने 3 सितंबर को पुलिस को तहरीर देकर बताया कि विगत 10 अगस्त को उनकी पुत्री जमूतरी देवी उर्फ ज्योति घर से हिमालय अस्पताल में नौकरी करने के लिए निकली थी। उससे लगतार उनकी बात होती रहती थी लेकिन 14 अगस्त को अचानक से उनकी लड़की का मोबाइल फोन बंद हो गया। जिसके बाद से उसका कोई सुराग नहीं लग पाया।
पुलिस ने पिता की तहरीर के आधार पर ज्योति की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरु की। चौकी प्रभारी जौलीग्रांट ने 22अगस्त को रानीपोखरी थाना द्वारा एक रेडियोग्राम मैसेज के माध्यम से सभी थानों को अवगत कराया कि थानों, रानीपोखरी में धारकोट रोड के किनारे अन्दर जंगल में किसी अज्ञात युवती का शव बरामद हुआ है। जिसका हुलिया मैसेज में नोट करवाया गया था। जिस पर पुलिस द्वारा गुमशुदगी में कलम सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर कलम सिंह से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। 7 सितंबर को कलम सिंह से संपर्क होने पर उन्हें थाना डोईवाला बुलवाया गया तथा डोईवाला पुलिस उससे लेकर थाना रानीपोखरी गई तथा रानीपोखरी पुलिस द्वारा 22 अगस्त को थानों के जंगल में अज्ञात लड़की के शव के पास मौके से बरामद चप्पल, पाजेब तथा कपड़े की फोटो दिखाई गई तो कलम सिंह द्वारा उक्त कपड़ों व सामान की पहचान उनकी पुत्री ज्योति के होने की पुष्टि की गई।
जिसके बाद पुलिस ने मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि ज्योति द्वारा सबसे ज्यादा बात गौतम पवार पुत्र इतवार सिंह निवासी वार्ड नंबर 4, चकचौबेवाला, थाना रानीपोखरी से की गई है। जिस पर पुलिस ने गौतम को पूछताछ के लिए थाने बुलाया और जब उससे स,तह से पूछताछ की गई तो उसने विगत 15 अगस्त को ज्योति की हत्या कर थानों के पास जंगल में उसकी लाश फेंकना स्वीकार किया गया। जिसके बाद गौतम पवांर को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस पूछताछ में गौतम ने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से हिमालयन अस्पताल में कार्य करता है। जुलाई 2021 से मैं ज्योति के संपर्क में था और उसे हिमालयन अस्पताल में ही नौकरी पर लगवाने वाला था पर लगवा नहीं पाया। इसके बाद से ही ज्योति लगातार गौतम पर नौकरी लगवाने का दबाव बना रही थी। इस बीच गौतम और ज्योति के बीच नाजायज संबंध भी बन गए। एक बार वह उसे अपनी मोटरसाइकिल से चंबा, टिहरी गढ़वाल तक छोड़ने भी गया था।
गौतम ने बताया कि उसकी ज्योति से लगातार बात होती रहती थी और इसका फायदा उठाकर वह गौतम को ब्लैकमेल करने लगी और कहने लगी कि अगर तुम मेरी नौकरी नहीं लगाओगे तो मैं तुम्हारी और अपनी सारी बातें तुम्हारे परिवार और हिमालय अस्पताल के मालिक को बता दूंगी। ज्योति के इस तरह ब्लैकमेल करने से गौतम मानसिक तनाव में आ गया और उसने उसकी हत्या करने की ठान ली।
15 अगस्त को गौतम ज्योति को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर थानों से धारकोट रोड पर ले गया, जहां ढलान के पास झाड़ियों में उसी की चुन्नी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और उसके सलवार सूट को उतार दिया ताकि उसकी पहचान ना हो सके। इसके बाद उसके कपड़ों को बैग में भरकर साइन चौकी, भानियावाला से आगे लगभग 200 मीटर जंगल में फेंक दिया। ज्योति के मोबाइल से सिम निकाल कर जंगल में ही फेंक दिया और मोबाइल को स्विच ऑफ करके अपने घर में रख दिया।
गौतम के इकबालिया बयान के आधार तथा उसकी निशानदेही पर साइन चौकी से 200 मीटर आगे नाले के पास से मृतका ज्योति के कपड़ों से भरे बैग को बरामद किया गया तथा मृतका का मोबाइल जो अभियुक्त ने ही उसे दिया था तथा मोटरसाइकिल जिससे वह ज्योति को धारकोट रोड पर ले गया था, बरामद किया गया। अभियुक्त को उसके जुर्म धारा 302, 201 आईपीसी से अवगत कराते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।