विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर संत निरंकारी मिशन द्वारा अर्बन ट्री क्लस्टर अभियान का शुभारंभ किया गया। वननेस-वन ( ONENESS Vann) नाम की इस परियोजना को सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के आशीर्वाद से संपूर्ण भारत में 22 राज्यों के 280 शहरों में चयनित लगभग 350 स्थानों पर आयोजित किया गया। जिसमें लगभग डेढ़ लाख वृक्षों का रोपण किया गया। भविष्य में इनकी संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। इस महा अभियान में संत निरंकारी मिशन के सेवादारों एवं श्रद्धालुओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस मुहिम में संत निरंकारी मिशन के अतिरिक्त केंद्र व राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, शैक्षणिक संस्थान एवं आरडब्लूए आदि के लोग भी सम्मिलित हुए।
अभियान का शुभारंभ करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि प्राण वायु जो हमें इन वृक्षों से प्राप्त होती है धरती पर इसका संतुलन बनाने के लिए हमें स्थान स्थान पर वनों का निर्माण करना आवश्यक है जिससे कि अधिक मात्रा में ऑक्सीजन का निर्माण होगा और उतनी ही शुद्ध वायु प्राप्त होगी। जिस प्रकार वननेस-वन का स्वरूप अनेकता में एकता का दृश्य प्रस्तुत करता है, उसी प्रकार मानव को भी समस्त भेदभाव को बुलाकर शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के भाव में रहकर संसार को निखारते चले जाना है।
माता सुदीक्षा ने वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे का जिक्र करते हुए उदाहरण दिया कि जिस प्रकार बड़े बुजुर्गों का आशीष हमारे लिए अनिवार्य है उसी प्रकार से वृक्ष भी हमारे जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
वननेस वन नाम की इस परियोजना के अंतर्गत संपूर्ण भारत में भिन्न-भिन्न स्थानों पर वृक्षों के समूह (ट्री क्लस्टर) लगाए गए। जिन की अधिक संख्या के प्रभाव से आसपास का वातावरण प्रदूषित होने से बचेगा और स्थानीय तापमान भी नियंत्रित होगा। सभी वृक्षों को स्थानीय जलवायु एवं भौगोलिक परिवेश के अनुसार ही रोपा गया। संत निरंकारी मिशन के सेवादार वृक्षों को लगाने के उपरांतत 3 वर्षों तक निरंतर इसकी देखभाल भी करेंगे। इसमें वृक्षों की सुरक्षा खाद एवं जल की सुचारू रूप से व्यवस्था करना सम्मिलित है।
आज जब पृथ्वी ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रही है तो ऐसे समय में वृक्षारोपण का महत्व और अधिक बढ़ गया है। वर्ष 2020 से कोरोना संकट ने हम सभी को प्रकृति की अमूल्य देन प्राण वायु अर्थात ऑक्सीजन के महत्व को समझा दिया है। साथ ही इसकी कमी से उत्पन्न होने वाले दुष्प्रभावों से हमें भली-भांति अवगत भी करा दिया है। ज्ञात रहे कि मनुष्य का जीवन जिस प्राण वायु पर आधारित है वह हमें इन वृक्षों के माध्यम द्वारा ही प्राप्त होते हैं।
यह सर्वविदित है कि संत निरंकारी मिशन एक विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मंच है जो सभी में ईश्वर निराकार की उपस्थिति के आधार पर प्रेम सहिष्णुता एवं एकता में सद्भाव की विचारधारा में विश्वास रखता है। मिशन द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। समय-समय पर देश में वृक्षारोपण एवं उनका संरक्षण, जल संरक्षण अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक का उपयोग ना करने जैसे अभियानों की पहल की गई है। इसके अतिरिक्त संत निरंकारी मंडल सदैव ही मानवता की सेवा में सर्वाेपरि रहा है। कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु मिशन द्वारा देशभर के विभिन्न सत्संग भावनाओं को कोविड केयर सेंटर के रूप में परिवर्तित करके सरकार को उपलब्ध कराया गया। जिनमें मरीजों के खाने-पीने की उचित प्रबंध व्यवस्था मिशन द्वारा एवं मेडिकल सुविधाएं जैसे डॉक्टर, नर्स, मेडिकल इक्युपमेंट, दवाइयां इत्यादि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई। इसी श्रंखला में दिल्ली के बुराड़ी रोड स्थित ग्राउंड नंबर 8 में 1000 बेड के कोविड केयर सेंटर का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त पंचकूला, पुणे, पानीपत, यमुनानगर, उधमपुर, मुंबई इत्यादि सत्संग भवनों का पूरी सुविधा के साथ पहले ही कोविड केयर सेंटर के रूप में सरकार को प्रदान किया जा चुका है।
इसके साथ ही कोरोना की दूसरी लहर की विषम परिस्थितियों में ऑक्सीजन की कमी होने पर मानवता की भलाई है तो सरकार को सहयोग के लिए संत निरंकारी मिशन द्वारा हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर देश के विभिन्न राज्यों को प्रदान किए गए। यह सभी सेवाएं निरंतर जारी हैं।
संत निरंकारी मिशन एवं गिव मी ट्री के सहयोग द्वारा इतने बड़े स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की नींव रखी गई। गिव मी ट्री संस्था द्वारा पिछले 44 वर्षों में 3.25 करोड़ से अधिक वृक्षों को लगाया गया। आज इसी के अंतर्गत स्थानीय निरंकारी संतों ने एलडी भट्ट उपजिला चिकित्सालय परिसर में वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर अस्पताल के सीएमओ डॉ. पीके सिन्हा एवं अन्य सहयोगी डॉ. नीना खान, डॉ. पांडे, स्टाफ दिनेश कुमार सहित मौजूद रहकर निरंकारी मिशन द्वारा किए जाने वाले अनेक समाजसेवी कार्याे की प्रशंसा की एवं पौधा भी लगाया।
संत निरंकारी मिशन एवं गिव मी ट्री संस्था का सहयोगात्मक प्रयास राष्ट्र को पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक नया अध्याय स्थापित करने में सहायता प्रदान करेगा।
विदित हो कि संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मुक्ति पर्व दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी यह पर्व पूर्व की भांति वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया। एक और सदियों की पराधीनता से मुक्त कराने वाले भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को इस दिन स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया जाता है, वहीं दूसरी ओर जन जन की आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली दिव्य विभूतियां जैसे शहंशाह बाबा अवतार सिंह, जगत माता बुधवंती, निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर, सतगुरु माता सविंदर हरदेव तथा अनेक ऐसे भक्तों को मुक्ति पर्व के रूप में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा ली जाती है।
निरंकारी संत समागम का विश्व भर में रह रहे लाखों प्रभु प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार रहता है कि कब वह वार्षिक संत समागम में सम्मिलित होकर सतगुरु के आशीर्वाद से स्वयं को निहाल करेंगे और उनकी रहमतों के पात्र बनेंगे। साथ ही विश्व भर से सम्मिलित हुए कवि, गीतकार एवं वक्ताओं के मधुर वचनों का श्रवण भी करेंगे। भक्तों के इसी उत्साह को देखते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज द्वारा इस वर्ष 74वें अंतरराष्ट्रीय निरंकारी संत समागम की कृतियां 27 28 एवं 29 नवंबर 2021 सुनिश्चित की गई है। सभी प्रभु प्रेमी समागम में अपनी मिलवर्तन की भावना से युक्त होकर स्वयं को इस निराकार से जोड़कर संस्कार के लिए एक उदाहरण बनेंगे कि कैसे प्रभु की रजा में रहकर आनंद की अवस्था प्राप्त की जाती है।
यह समस्त जानकारी स्थानीय निरंकारी मीडिया प्रभारी प्रकाश खेड़ा द्वारा दी गई।