उत्तराखंड (महानाद) : महानिरीक्षक कारागार ने सभी कारागार अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को पैरोल/अन्तरिम जमानत पर बाहर विचाराधीन कैदियों का आत्म समर्पण/समर्पण कराने के निर्देश जारी किये हैं।
महानिरीक्षक कारागार ने उक्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि कोविड-19 काल में बन्दियों को कोविड संक्रमण से बचाव हेतु सुप्रीम कोर्ट द्वारा Suo Moto Writ Petition No- 01/2020 में पारित आदेश दिनांक 23.03.2020 एवं 07.05.2021 के अनुपालन में सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर गठित High Powered Committee की संस्तुति के अनुरूप प्रदेश की कारागारों में निरुद्ध विचाराधीन बन्दियों (कैदियों) को अन्तरिम जमानत पर कारागारों से रिहा किया गया तथा सिद्वदोष बन्दियों को महानिरीक्षक कारागार, उत्तराखण्ड द्वारा पैरोल पर कारागारों से रिहा किया गया।
सुप्रीम कोर्ट द्वाराSuo Moto Writ Petition No-01/2020 में दिनांक 16.07.2021 को आदेश निर्गत किये गये कि अन्तरिम जमानत पर रिहा किये गये बंदियों को सुप्रीम कोर्ट के अग्रिम आदेशों तक कारागार में आत्मसमर्पण के लिए न कहा जाये।
प्रश्नगत रिट याचिका में सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 24.03.2023 द्वारा उक्त अन्तरिम जमानत / पैरोल पर छोड़े गये बन्दियों को सम्बन्धित कारागारों में आत्मसमर्पण किये जाने के आदेश पारित किये गये हैं। उक्त के अनुपालन में उप महानिरीक्षक कारागार, उत्तराखण्ड के पत्र दिनांक 24.04.2023 द्वारा अन्तरिम जमानत / पैरोल पर छोड़े गये बन्दियों को सम्बन्धित कारागारों में आत्मसमर्पण/दाखिल किये जाने के निर्देश प्रसारित किये गये थे।
उक्तानुसार 220 सिद्धदोष बंदियों एवं 590 विचाराधीन बंदियों द्वारा सम्बन्धित कारागारों में आत्मसमर्पण किया गया है।
पैरोल/अन्तरिम जमानत पर 81 सिद्धदोष एवं 512 विचाराधीन बंदियों द्वारा आत्मसमर्पण न किये जाने के दृष्टिगत महानिरीक्षक कारागार के पत्र दिनांक 08.10.2024 द्वारा उक्त बंदियों के कारागारों में समर्पण कराये जाने हेतु कारागार अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।