जमशेदपुर (महानाद) : जहां लोग अपनी इच्छाओं को पूर्ति करने के लिए अपने बच्चों से आस लगाते हैं। वहीं एक पति की इच्छा पूरी करने के लिए पत्नी ने जी जान से पढ़ाई की और पति की इच्छा को पूरा करके दिखा दिया।
जी हां, जुगसलाई निवासी अमित मिश्रा ने छात्र जीवन से लगातार कई बार दारोगा की परीक्षा दी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद वे लीगल एडवाइजर बन गए। इसी बीच उनकी शादी ज्योति पांडेय से उनकी शादी हो गई। शादी के बाद अमित मिश्रा ने अपनी पत्नी को बताया कि वे दरोगा बनना चाहते थे लेकिन बन नहीं बन पाए।
जिसके बाद उनकी जीवन संगिनी ज्योति मिश्रा उनसे वादा किया कि मैं आपका सपना मैं पूरा करके दिखाऊंगी। जिसके बाद ज्योति ने अपने पति अमित मिश्रा से ही पढ़ाई की और दिन रात मेहनत की। जिसके बाद आखिरकार ज्योति ने अपने पहले ही प्रयास में दारोगा की परीक्षा पास कर ली। बता दें कि बिहार में दरोगा के 2,062 पद के लिए करीब सात लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
अपनी इस सफलता के बाद ज्योति ने बताया कि एमबीए की पढ़ाई के दौरान ही उनकी शादी अमित मिश्रा के साथ शादी हो गई थी। पति के अधूरी इच्छा के बारे में पता चला तो उन्होंने खुद ही तैयारी करनी शुरू कर दी। इस काम में उनके पति ने उन्हें पूरा सहयोग किया। इस कारण उन्हें बाहर से कोचिंग लेने की भी जरूरत नहीं पड़ी।
बता दें कि दरोगा बनने वाली ज्योति एक 8 साल की बेटी की मां भी हैं। पत्नी के दरोगा बनने के बाद पति अमित मिश्रा ने कहा कि मेरी पत्नी ने मेरे सपनों को धरातल पर उतार दिया। शादी के पहले हो या शादी के बाद, बेटियों को शिक्षा से वंचित नहीं करना चाहिए।