नरेश खुराना
हल्दुआ साहू (महानाद) : आजकल सरकारी कार्यालयों में निजी सहायक के जरिये कामकाज करवाने का चलन चल पड़ा है। ऐसा ही नजारा ग्राम पंचायत हल्दुआ साहू के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के कार्यालय में भी देखा गया, जिन्होंने अपने कामों को निपटाने के लिए निजी सहायक को रखा हुआ है। निजी सहायक का नाम नरेंद्र बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि राशन कार्ड या परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज करना हो, परिवार रजिस्टर की नकल लेनी हो या कोई जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवाना हो या पंचायत से संबंधित कोई भी कार्य हो तो इस नरेंद्र नाम के व्यक्ति से आपको संपर्क करना पड़ेगा। जो इन सभी कार्यों को करने के लिए सुविधा शुल्क की मांग करता है। जो सुविधा शुल्क दे देता है उसका काम तो हो जाता है और जो सुविधा शुल्क नहीं देता है उसके लिए नए नए नियम और कानून बताए जाते हैं।
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इन निजी सहायकों को वेतन कैसे मिलता है? क्या इनका वेतन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के वेतन से दिया जाता है? बिल्कुल नहीं, जिन कामों के बदले में जो सुविधा शुल्क लिया जाता है उसमें से ही ये निजी सहायक अपना हिस्सा रख लेता है। वृद्धा पेंशन का सत्यापन करते हुए इस व्यक्ति को इस वीडियो में साफ तौर पर देखा देखा जा सकता है। इसके अलावा श्रम कार्ड हो, मनरेगा के कार्ड हो या कोई भी योजना का लाभ लेना हो तो पहले इन निजी सहायकों की जेब गर्म करनी पड़ती है। उसके बाद इन योजनाओं का लाभ लोगों को मिलता है।
यही कारण हैं कि जो गरीब मजबूर और बेसहारा लोग हैं उनको योजनाओं का लाभ मिलने के बजाय पैसा खिलाकर लोगों को योजनाओं का लाभ दिया जाता है। प्रशासन को तत्काल इन पर कार्यवाही कर इन्हें सरकारी कार्यालय से बाहर करना चाहिए।