नई दिल्ली (महानाद) : जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों ने एकमत से पेट्रोल/डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया है।
बता दें कि सड़कों पर विपक्ष चाहें कितना ही पेट्रोल/डीजल के बढ़ते दामों पर हंगामा काट रहा है। लेकिन जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी विपक्षी राज्यों ने भाजपा शासित राज्यों के सुर में सुर मिलाकर पेट्रोल/डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से इंकार कर दिया है। सभी राज्यों की एक ही राय है कि कोरोना काल में हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल/डीजल से होने वाली कमाई का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए कोई भी राज्य इन्हें जीएसटी के दायरे में लाने को तैयार नहीं है।
तो आप समझ लें कि सड़कों पर आम जनता के लिए महंगाई की लड़ाई लड़ने में सबसे आगे रहने वाला विपक्ष भी कमाई का कोई भी स्रोत छोड़ने को तैयार नहीं है। वरना विपक्षी राज्य तो आज पेट्रोल/डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए अपनी हामी भर ही सकते थे।