अयोध्या (महानाद) : लखनऊ के गोमतीनगर की रहने वाली पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा ख्वासपुरा में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर तैनात श्रद्धा गुप्ता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में श्रद्धा ने एक आइपीएस अधिकारी आशीष तिवारी सहित तीन लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि श्रद्धा 2015 से पीएनबी की ख्वासपुरा शाखा में तैनात थीं। प्रमोशन के बाद उन्हें बछड़ा सुलतानपुर शाखा में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर भेजा गया था। उन्होंने बैंक के सामने ही विष्णु एंड कंपनी बिल्डिंग में एक कमरा किराए पर ले रखा था। वह वहां अकेली रहती थीं। शनिवार की सुबह दूध वाले ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर उसने मकान मालिक को सूचना दी। मकान मालिक ने खिड़की से अंदर झांका तो श्रद्धा दुपट्टे के जरिए फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी।
मकान मालिक की सूचना पर मौके पर पहुंचे एसएसपी शैलेश पांडेय के निर्देश पर पुलिस वाले को अंदर दाखिल कराया गया। जिसके बाद दरवाजा खोलकर लाश को बाहर निकाला गया। श्रद्धा की लाश के पास से अंग्रेजी में लिखा हुआ एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने अपने मंगेतर, विवेक गुप्ता, फैजाबाद का एक पुलिसकर्मी अनिल तथा तत्कालीन एसएसपी और अब एसएसएफ हेड लखनऊ आशीष तिवारी को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि सुसाइड नोट को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है।
श्रद्धा के परिजनों के मुताबिक विवेक से श्रद्धा की शादी जनवरी 2020 में तय की गई थी। इसके बाद दोनों अक्सर मिलने लगेे थे। इस दौरान श्रद्धा को पता चला कि विवेक के और कई लड़कियों से संबंध हैं। जिसके बाद उसने विवेक से शादी करने से मना कर दिया। वहीं विेक उसकी बैंक की नौकरी और मोटी सेलरी के कारण इस रिश्ते को टूटने नही देना चाहता था। जिस कारण उसने श्रद्धा को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
श्रद्धा अयोध्या में बैंक की नौकरी कर रही थी। वहीं पर विवेक के खास दोस्त आशीष तिवारी एसएसपी बनकर आ गये। वे वहां 22 महीने तक एसएसपी के पद पर तैनात रहे। आशीष तिवारी को विवेक की शादी तय होने से लेकर श्रद्धा के मना करने तक की हर बात पता थी। श्रद्धा के परिजनों का कहना है विवेक ने शादी करने के लिए श्रद्धा को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। तो आशीष तिवारी उसकी मदद करते रहे। आशीष के कारण ही श्रद्धा शिकायत करने थाने नहीं जा पाई। विवेक उसे लगातार आशीष तिवारी के नाम की धमकी देता रहता था। आशीष का तबादला अयोध्या से हो जाने के बाद उनका एक खास पुलिसवाला अनिल रावत विवेक की मदद करने लगा। श्रद्धा जब भी थाने जाने की धमकी देती विवेक आशीष तिवारी और अनिल रावत को कॉल करके उसे धमकाता था। इन लोगों के खौफ से श्रद्धा अंदर ही अंदर घुट रही थी और आखिरकार उसने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का फैसला कर लिया।