विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा के आरोपों से आहत मेयर दीपक बाली इस्तीफा देने की खबरे फैलते ही शहर में सनसनी फैल गई। ईद की छुट्टी होने के बावजूद नगर के व्यापारी, जनता, विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता, पार्षद, किसान और मजदूर पार्टियों के कार्यकर्ता एवं नेता, शहर के अनेक बस्तियों के हजारों लोग तुरंत नगर निगम पहुंच गए और मेयर दीपक बाली को फोन कर नगर निगम बुलाया।
जैसे ही दीपक बाली नगर निगम गेट पर पहुंचे तो कई लोग उनकी गाड़ी के सामने लेट गए। सभी ने नारे लगाए कि दीपक बाली संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं। मेयर बाली ने गाड़ी से उतर कर गाड़ी के आगे लेटे लोगों को उठाया। वह नगर निगम नहीं जाना चाहते थे, लेकिन लोगों की भीड़ उन्हें नगर निगम सभागार में ले गई। व्यापारियों ने घोषणा की कि यदि दीपक बाली ने इस्तीफा दिया तो वह बाजार बंद कर देंगे। जनता ने कहा कि दीपक बाली ‘मिस्टर राइट’ हैं। जबकि पूर्व विधायक से जब भी कोई मिलने जाता था तो वे सबसे पहले पूछते थे ‘तुस्सी कौन’। लोगों ने कहा कि पूर्व विधायक अपने काम के आदमी को हमेशा पहचान जाते हैं लेकिन वैसे वो किसी से कई बार मिलने के बावजूद भी अपना फेवरिट डायलॉग बोलते हैं कि ‘तुस्सी कौन’।
आपको बता दें कि दीपक बाली मेयर पद की शपथ लेने के बाद से ही शहर के विकास में जुटे हुए हैं और करीब 550 सड़कों का निर्माण शुरू करा दिया है और लाखों रुपए की योजनाएं धरातल पर आनी बाकी हैं। शहर में बरसात को देखते हुए नाले और नालियों की तलीझाड़ सफाई चल रही है।
वहीं, विगत दिनों पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, भाजपा के प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी, प्रदेश मंत्री गुरविंदर सिंह चंडोक और पीसीयू अध्यक्ष राम मल्होत्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दीपक बाली पर अनेक आरोप लगाए थे और कहा था कि वह मनमानी कर रहे हैं। न जनता को विश्वास में ले रहे हैं और न संगठन को। जबकि सत्यता यह है कि दीपक बाली संगठन और जनता सभी को विश्वास में लेकर काम कर रहे हैं।
बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए आरोपों से मेयर दीपक बाली आहत थे। वह लखनऊ से सीधे नैनीताल पहुंचे और वहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की जा रही समीक्षा बैठक में शामिल हुए। उन्हें अपने मन की पीड़ा भी बताई होगी। दीपक बाली देर रात काशीपुर स्थित अपने आवास पर पहुंचे। सुबह करीब 11 बजे बाली के मेयर पद से इस्तीफा देने की खबर उड़ी तो पूरे शहर में सनसनी फैल गई और लोग नगर निगम पहुंच गए और उन्हें वहां बुलाया, लेकिन उन्होंने नगर निगम में जाने से मना कर दिया। बाद में वे जनता के मान मनव्वल पर नगर निगम सभागार पहुंचे।
नगर निगम सभागार में सैकड़ों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए दीपक बाली ने कहा कि आप सभी भाइयों-बहनों के प्यार ने मुझे आम कार्यकर्ता से मेयर बनाया है और आपकी भावनाओं के अनुरूप मैं विकास के कार्य भी कर रहा हूं। अब मेरी समझ में यह नहीं आ रहा कि मेरी गलती क्या थी? पूर्व विधायक जी मेरे पिता तुल्य हैं। मैं उनसे माफी चाहता हूं। मैं उनसे लड़ नहीं सकता। बस मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर उन्हें कोई दर्द था तो मुझे आदेश करते मैं जाकर उनसे मिलताऔर उनकी भावनाओं का सम्मान करता। लेकिन संगठन के लोगों को साथ लेकर उन्होंने जिस तरह से मेरे ऊपर आरोप लगाए उससे मैं बेहद दुखी हूं।
बाली ने कहा कि मैं एक सपना लेकर आया था कि इस शहर को बेहतर करूंगा। 4 माह में मैंने बहुत कुछ किया। वह सब आपके सामने है, लेकिन मैंने ऐसा क्या कर दिया कि मेरे पर आरोप लगाए जाने लगे। मैंने एक-एक मिनट विकास के लिए लगाई। हरभजन सिंह चीमा मेरे पिता तुल्य हैं और जो महानुभाव उनके साथ थे वह भी मेरे बड़े हैं। मैं अपने पिता से, अपने बुजुर्ग से नहीं लड़ सकता। लिहाजा मैं अपने पद को छोड़ने का निर्णय ले चुका हूं। उनके इतना कहते ही पूरे सभागार में नारे लगने लगे कि बाली जी आपको जनता ने चुना है न कि नेताओं ने, फिर आप इस्तीफा क्यों देंगे? और हम आपको ऐसा नहीं करने देंगे।
बाली ने कहा कि मैं राजनीति नहीं, सेवा करता हूं और विकास करना मेरा शौक है। मैं चाहता हूं कि काशीपुर के विकास को राजनीति की भेंट न चढ़ने दिया जाए। मैं पहले ही कह चुका हूं की राजनीति में आने का मेरा फैसला पहला था और भाजपा में आने का मेरा फैसला अंतिम फैसला है। मैं पार्टी नहीं छोडूंगा। संघ परिवार से बात करूंगा। पार्टी के बड़े नेताओं से बात करूंगा। बस मैं यही चाहता हूं कि संघ, जनता और सरकार के अलावा मुझे कोई परेशान ना करे और जिन लोगों ने प्रेस वार्ता की, वह मेरे कार्यों के बीच ना आएं।
उधर, व्यापारियों ने कहा कि यदि दीपक बाली ने इस्तीफा दिया तो वे बाजार बंद कर देंगे। पर्यावरण मित्र भी उनके पक्ष में आए और वैशाली गुप्ता सहित सभी पार्षदों ने कहा कि यदि मेयर बाली ने इस्तीफा दिया तो हम सब भी इस्तीफा दे देंगे। वहीं, पूर्व प्रधान सरदार महेंद्र सिंह ने कहा कि इस्तीफा दीपक बाली क्यों दें? इस्तीफा तो उन लोगों को देना चाहिए जो इनके द्वारा किए जा रहे विकास में रोड़ा अटका रहे हैं।
इस दौरान मुक्ता सिंह, अशोक सक्सेना, संजय भाटिया, पार्षद वैशाली गुप्ता, पंकज टंडन, शैलेंद्र शर्मा, शैलेंद्र मिश्रा एडवोकेट, महेंद्र भाटिया, सरदार निशान सिंह, रविंद्र राणा, चक्रेश जैन, बसपा नेता मुहम्मद अशरफ सिद्दीकी, डीपी सिंह, राजीव डंपी, वीरेंद्र मिश्रा एडवोकेट, मुकेश चावला, समरपाल सिंह, नीटू चौधरी, राजू सेठी, अजय बन्नू, ललित बाली, शोभित गुड़िया, कैप्टन नेपाल सिंह नेगी, गगन कांबोज, मनीष चावला, पूर्व सहायक नगर अधिकारी जसवीर सिंह राठी, पार्षद विजय बांबी सहित हजारों लोग मौजूद थे।