पटना (बिहार) : आरटीआई कार्यकर्ता इं. बिरेन्द्र कुमार ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा है कि भारत में महामारी का चरम सीमा पार करने के बाद भी भारत के राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के लक्षणों, इलाज व बचाव की जानकारी का घोर अभाव है। सरकारी स्तर पर कहीं भी कैम्प लगाकर न तो कोविड के लक्षणों को बताए जा रहे हैं और न ही जाँच हो रही है और न ही वैक्सीन मिल रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग हर घर में सर्दी-जुकाम-बुखार के मरीज हैं।
बिरेन्द्र कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए स्थानीय झोला छाप डिस्पेन्सरी या दुकानदार ही डॉक्टर है। जबकि शहरी क्षेत्रों के अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में जनता का ज्यादा निवास है। फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा हो रही है, जैसे कि- बिहार राज्य के दरभंगा जिला के सटे सहरसा के बघवा पंचायत में कोरोना का कहर चरम सीमा पार कर गया है। इस पंचायत के गंडौल ग्राम में जहाँ लगभग 4000 हजार की आबादी है, अभी तक 10 जन कोरोना के कारण मृत हो गए। फिर भी यहाँ न तो कोविड जाँच हो रही है और न ही वैक्सीन मिल रही है।
इसी तरह झारखण्ड एवं अन्य राज्यों की स्थिति है। यूपी में ग्रामीण क्षेत्रों में उपेक्षा की शिकार जनता कोरोना से मर रही है तथा गरीब जनता लाशों को गंगा में बहा रहे हैं। फिर भी भारतीय मंत्री एवं सांसद एंबुलेन्स के काले करतूतों में मस्त हैं।
बिरेन्द्र कुमार ने भारतीय शासनाध्यक्ष से माँग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड की जानकारी ओर बचाव के उपाय की जानकारी, जाँच हर गाँव में कैम्प लगाकर होना सुनिश्चित हो। प्रत्येक गाँव में कैम्प लगाकर कोविड का वैक्सीन लगाना सुनिश्चित हो। गाँव में जहाँ भी उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित है वहाँ डॉ. एवं स्वास्थ्य कर्मी, नर्स की व्यवस्था तुरंत के प्रभाव से सुनिश्चित हो। गाँवों में कोविड (कोरोना) टेस्ट, दवा, इलाज की व्यवस्था में पंचायत प्रतिनिधियों की अहम भूमिका एवं जवाबदेही सुनिश्चित हो। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली मौतों की पहचान करना एवं सरकार को त्वरित रिर्पोट सौंपने तथा रिकार्ड संधारित करने की जवाबदेही पंचायत प्रतिनिधियों को सुनिश्चित हो। बिहार के बक्सर जिला में मंत्री (केन्द्र एवं राज्य) द्वारा पुराने एंबुलेन्स को ही कई बार उद्घाटन करने की घटना की उच्च स्तरीय जांच हो तथा सारण में सांसद द्वारा सांसद निधि से क्रय की गई एंबुलेन्स की जमाखोरी का 07.05.2021 की उजागर मामले की उच्चस्तरीय जाँच हो तथा दोषी जो भी हो, जिस भी स्तर के हों, उनके विरुद्ध ऐसे घृणित काण्ड व कार्य के लिए सख्त से सख्त कानूनी र्कारवाई सुनिश्चित हो।