सलीम अहमद
रामनगर (महानाद): बाघ ने एक और श्रमिक को अपना निवाला बना लिया। बता दें कि प्रातः लगभग 10 बजे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढिकाला रेंज में ढिकाला वन परिसर की सोलर फेंसिंग सफाई हेतु 5 श्रमिक कार्य कर रहे थे, जिनकी सुरक्षा हेतु दो हथियारबंद वन कर्मचारी तैनात थे। इसी दौरान दैनिक श्रमिक राम बहादुर पुत्र खड़क सिंह (57 वर्ष) पर बाघ ने अचानक हमला कर दिया। मौके पर मौजूद हथियारबंद वन कर्मचारियों ने 10 राउंड हवाई फायर कर राम बहादुर को बाघ से छुड़वाया लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। शव को पोस्टमार्टम हेतु रामनगर भेजा गया है। परिजनों को नियमानुसार अनुग्रह राशि के भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।
वहीं घटना की सूचना तत्काल निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व डॉ. धीरज पाण्डेय तथा प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव /मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, उत्तराखंड डॉ. समीर सिन्हा को दी गई तथा दूरभाष पर ही चिन्हित बाघ को पकड़ने की अनुमति प्राप्त की गई। बाघ को ट्रेनकुलाइज कर पकड़ने हेतु निदेशक डॉ. धीरज पाण्डेय के निर्देशन मे सघन अभियान चलाया गया। इस अभियान में 2 हाथी टीम, 1 ड्रोन टीम, त्वरित कार्यवाही दल के सदस्य तथा वेटरनरी टीम उपस्थित रहे तथा चिन्हित नर बाघ को लगभग 2ः30 बजे अपरान्ह सफलता पूर्वक ट्रेनकुलाइज कर पकड़ लिया गया। बाघ के डीएनए सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद तथा डब्लूआईआई देहरादून भेजे जा रहे हैं। नर बाघ की उम्र लगभग 2 वर्ष है तथा यह पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
इस घटना हेतु चिन्हित बाघ को पकड़ने के अभियान में निदेशक डॉ. धीरज पाण्डेय, श्दिगंथ नायक, उपनिदेशक, अमित ग्वासीकोटी पार्क वार्डन, दुष्यंत शर्मा, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, बिन्दर पाल वन क्षेत्राधिकारी सर्पदुली रेंज, त्वरित कार्यवाही दल के सदस्य एवं अन्य वन कर्मी सम्मिलित रहे।
रेस्क्यू किये गए बाघ को सघन निगरानी में ढेला रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है। वर्तमान में ढिकाला जोन के ग्रासलैंड क्षेत्र को सुरक्षा के दृष्टिगत पर्यटन सफारी हेतु प्रतिबंधित किया गया है तथा क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन वनकर्मियों की सुरक्षा हेतु पूर्णतया प्रयासरत है तथा इसे सुनिश्चित करने हेतु ड्रोन टीम, तथा त्वरित कार्यवाही दल को मौके पर तैनात किया गया है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व परिवार तथा वन विभाग ने राम बहादुर के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि दी तथा उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। घटना की विस्तृत जांच के आदेश प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव /मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, उत्तराखंड द्वारा दिए गए हैं, जिसके क्रम में जांचोपरान्त विस्तृत रिपोर्ट निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा दी जाएगी।