मोहित गोयल
सल्ट (महानाद) : कूपी निवासी और मरचूला बाजार में अचाणचक ढाबे के मालिक वीरेंद्र सिंह रावत ने सल्ट के झड़गांव इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नासिर अहमद को चार कंप्यूटर अपनी तरफ से विद्यालय को दान में दिए हैं ताकि विद्यालय के बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा मुफ्त में मिल सके। वीरेंद्र सिंह रावत ने 1992 में इसी विद्यालय से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
जानकारी देते हुए वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने मरचूला क्षेत्र में 3-5 किलोमीटर के अंतर्गत आने वाले सभी गांव के जितने बेसहारा बूढ़े मां बाप हैं, उन्हें गोद ले रखा है और रोज उन्हें मुफ्त में भोजन मुहैया कराते हैं और साथ ही मुफ्त में उनका इलाज भी करवाते हैं। इसके साथ ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे जो भी उनके ढाबे पर आते हैं उन्हें मुफ्त में नाश्ता करवाते हैं। इसी श्रंखला में उन्होंने बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा के लिए 4 कंप्यूटर मुफ्त में दिए हैं।
वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 23 वर्ष काम किया है और उस दौरान वह रोहन मोटर्स में जनरल मैनेजर के पद पर भी रहे। तब उन्हें 19 देशों की यात्रा करने का मौका भी मिला और उन्होंने उस दौरान जो कुछ भी वहां से कमाया उससे यहां एक चैरिटेबल ढाबा खोला है जहां से वे निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद वे घर आ गए थे और उन्होंने लॉकडाउन से ही ऐसे लाचार बूढ़े मां बापू को फ्री में भोजन उपलब्ध करवाया और आज तक यह सिलसिला जारी है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनके पास लगभग 20 ऐसे बूढ़े मां-बाप थे जिनको मुफ्त में खाना उपलब्ध करवाते थे। इस वक्त लगभग 8-10 मां-बाप हैं जिन्हें वह खाना खिलाते हैं और साथ ही उनका इलाज भी मुफ्त में करवाते हैं। वे हमेशा मजबूर लोगों के साथ खड़े रहते हैं।
रावत ने बताया कि आज के युग में सभी बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा अति आवश्यक है। कई विद्यालयों में कंप्यूटर के अभाव के कारण बच्चे कंप्यूटर शिक्षा को ग्रहण नहीं कर पाते हैं। इसलिए बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 4 कंप्यूटर सेट झड़गांव इंटर कॉलेज को दान में दिए हैं।