सल्ट : 3 दिन बाद भी नहीं लगा इकरार का सुराग, आखिर बीच रास्ते से कहाँ हो गया गायब

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मोहित गोयल
सल्ट (महानाद) : सोमवार शाम से लापता इकरार का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है, पुलिस मान रही वन्यजीव का हमला, लेकिन वन विभाग ने नकारा, क्योंकि किसी प्रकार की अनहोनी होने के कोई प्रमाण नहीं मिल पाए हैं।

आपको बता दें कि पिछले 5 माह से पौड़ी के स्यूसी में रहकर फेरी लगाकर चादर-कंबल आदि बेचने का कार्य करने वाला इकरार सोमवार की शाम को अपने घर मुरादाबाद के पीपलसाना जा रहा था जोकि सल्ट के भकराकोट गधेरे के पास से गायब हो गया। जिसके बाद से कालागढ टाइगर रिजर्व, वन विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से लगातार 3 दिनों से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बुधवार को ग्राम प्रधान चुकम और मोहान ने भी ग्रामीणों के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन में वन विभाग की टीम के साथ सहयोग किया। बुधवार को लगभग 70 से 80 लोगों ने मिलकर सड़क के दोनों तरफ से घने जंगलों की पूरी तरह खाक छान दी, इसके बाद भी युवक का कहीं कोई सुराग नहीं मिल सका।

एसडीओ हरीश नेगी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मानव-वन्यजीव संघर्ष की कोई घटना प्रतीत नहीं हो रही है, इसके लिए हमारे द्वारा तीन दिन से सर्च ऑपरेशन चलाया गया है, हमें ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जिसमें यह पता चल सके कि वन क्षेत्र में युवक पर टाइगर या अन्य किसी जंगली जानवर द्वारा कोई हमला किया गया है।

वहीं, थानाध्यक्ष भतरौजखान संजय पाठक के अनुसार वन विभाग की टीम के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। प्रथम दृष्टया लग रहा है कि युवक को बाघ ने ही खाया है। मौके पर रगड़ के निशान मिले हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि बाघ युवक को वहां से उठाकर ले गया है, इसके अलावा कोई अन्य निशानदेही नहीं मिली है। पाठक ने कहा कि खून के निशान या फटे कपड़े या व्यक्ति का कोई भी अंग वहीं मिलेगा जहां बाघ उसे खाएगा। मौके पर कोई निशान नहीं पाए गए है। हमारे अनुसार उसे बाघ ने ही खाया है, इसके अलावा और कोई संभावना नहीं है।

उधर, अल्मोड़ा वन प्रभाग में मोहान क्षेत्र के वन क्षेत्राधिकारी गंगा शरण ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन कर रही है। आज बृहस्पतिवार को हमारे द्वारा भी वन विभाग की एक 5 सदस्यीय टीम खोजबीन के लिए भेजी गई है, जिसने मोहान क्षेत्र के जंगलों में ही गश्त और खोजबीन की है। लेकिन लापता युवक की कोई निशानी या सुराग नहीं मिल पाया है।

सवाल यह है कि आखिर इकरार गया तो कहाँ गायब हो गया?