विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : एससी गुड़िया इन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेण्ट एण्ड लॉ कॉलेज में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें ‘कुटुम्ब न्यायालय’ के माध्यम से कई मामलों का निस्तारण किया गया।
मूट कोर्ट की न्यायाधीश प्रीती कश्यप ने एक तलाक संबंधी मामले में अपना निर्णय देते हुए कहा कि जहां पर पति या उसके संबंधियों द्वारा पत्नी के साथ शारीरिक या मानसिक क्रूरता की जाती है वहां पत्नी न्यायालय के माध्यम से पति से तलाक की मांग कर सकती है और पत्नी तलाक की डिक्री के पश्चात भी भरण-पोषण प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी जब तक कि वह पुनर्विवाह नहीं कर लेती है।
मूट कोर्ट का आयोजन एससी गुड़िया लॉ कॉलेज के वरिष्ठतम आचार्य आशुतोष कुमार, विरेन्द्र कुमार एवं डॉ. रत्नेश सिंह के निर्देशन में किया गया। मूट कोर्ट प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार देवेन्द्र सिंह, इरम खान, मौसमी, प्रतिक्षा रमन, गौरव शर्मा, प्रेम प्रकाश सिंह को दिया गया।
लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एके पाण्डेय तथा निदेशक (प्रशासन) पीके बक्शी ने पुरस्कारों का वितरण किया एवं सफल आयोजन के लिए सभी शिक्षकों एवं छात्रों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रवक्ता सुधीर दुबे ने कहा कि इससे विधि के विद्यार्थियों को न्यायिक प्रक्रिया को समझने में आसानी होती है और भविष्य में कुशल न्यायधीश एवं अधिवक्ता बनते हैं।
इस अवसर पर संस्थान की चेयरमैन विमला गुड़िया ने प्रसन्नता व्यक्त की और अपने संदेश में कहा कि काशीपुर व आस-पास का कोई भी व्यक्ति एससी गुड़िया लॉ कॉलेज में जाकर निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है जिसके लिए कॉलेज परिसर में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना कर दी गई है। मानव सेवा ही परम धर्म है और एससी गुड़िया लॉ कॉलेज ने इसको पूरी तरह से आत्मसात कर लिया है।