तो क्या सत्ताधारी नेताओं के शिकार हो गए एसआई रंजीत तोमर?

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सत्तार अली
बहादराबाद (महानाद) : टोल विवाद में भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले उपनिरीक्षक का एसएसपी ने तबादला कर दिया।

दिल्ली-हरिद्वार हाइवे पर बहदराबाद थाना अंतर्गत टोल प्लाजा पर पूर्व में टोल के रुपये मांगने पर भाजपा नेताओं ने नाराज होकर टोल प्लाजा में तोड़फोड़ कर दी थी। इस तोड़ फोड़, मार-पिटाई की एक वीडियो भी वायरल हुई थी। टोल प्लाजा के कर्मचारियों पर भाजपा नेताओं की तहरीर मुकदमा पंजीकृत किया गया था। बाद में टोल प्लाज में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बहदराबाद थाना के कार्यवाहक थाना प्रभारी, एसआई रंजीत तोमर ने टोल प्लाजा के मैनेजर की तहरीर पर उनके बयान, सीसीटीवी की फुटेज देखने पर वहाँ पर हुई कर्मचारियों के साथ मारपीट व तोड़फोड़ सामने आने के बाद भाजपा नेताओं व उनके समर्थकों पर भी क्राॅस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरु कर दी थी। बताया जा रहा है कि भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुये मुकदमे का विरोध भी किया था और एसआई रंजीत तोमर की उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए एसएसपी हरिद्वार ने बहदराबाद चैकी प्रभारी रंजीत तोमर का तबादला कर उन्हें थाना भगवानपुर भेज दिया है। चैकी प्रभारी को फरियादियों की आवाज सुनने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। इससे ये साबित होता है कि उत्तराखंड सरकार की जीरो टाॅलरेंस को इनके ही विधायक पलीता लगा रहे हैं।

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बता दें कि बहदराबाद में स्थित टोल प्लाजा पर पांच दिन पूर्व भाजपा नेता मयूर चैहान से टैक्स मांगना टोल पर तैनात कर्मचारियों को इतना महंगा पड़ गया था कि भाजपा नेता ने इनके साथ मारपीट कर दी थी और सत्ता के नशे में चूर नेता का यही मन नहीं भरा तो उन्होंने पास में ही बोंगला गाँव से अपने समर्थकों को फोन करके बुला लिया। जिन्होंने टोल प्लाजा में जमकर तोड़फोड़ के साथ ही वहाँ पर तैनात कर्मचारियों के साथ मारपीट कर दी थी। बहादराबाद पुलिस ने मौके पर जाकर हंगामा शांत कराया था। सत्ता के नशे में चूर भाजपा कार्यकर्ताओं का मन यहाँ भी नहीं भरा तो शाम को टोल पर तैनात जो युवक-युवतियां बोंगला गांव में किराये के मकानों में रह रहे हैं, जब ये अपने कमरों पर पहुंचे तो इनके साथ एक बार फिर मारपीट की गई।

वहीं, बहदराबाद चैकी प्रभारी रंजीत तोमर ने बताया कि टोल प्लाजा पर दो पक्षों में मारपीट हो गई थी। दोनो ही पक्षों की तहरीर आई थी। तहरीर के आधार पर दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

सत्ताधारी नेताओं व उनके समर्थकों पर मुकदमें करने पर उपनिरीक्षक पर हुई कार्रवाई पर पुलिस विभाग में अंदरूनी कानाफूसी हो रही है। चर्चा है कि जानबूझकर उन्हें राजनीति का शिकार बनाया गया है। कि निष्पक्ष कार्य पर उनके खिलाफ ये कार्रवाई की जायेगी कि पीड़ित को इंसाफ दिलाना मुश्किल भरा हो जायेगा। ऐसी कार्रवाई होने से विभाग में तैनात अन्य लोगों का मनोबल गिरता है

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