ऋषिकेश (महानाद) : अपने मंहगे शौक और बेरोजगारी के कारण तीन इंजिनियर दोस्त अपराधी बन गये। उत्तराखंड की तीर्थनगरी ऋषिकेश में तीन दोस्त पुलिस की गिरफ्त में आए है। बताया जा रहा है कि तीनों युवक इंजिनियर है और नकली नोट छापकर दुकानों पर चलाते थे। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर कई खुलासे किए है। पुलिस ने लैपटाप, स्कैनर, प्रिंटर, आदि सामान भी बरामद किया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार बीते रोज कोतवाली ऋषिकेश में चंद्र मोहन पांडे पुत्र स्व. दिवाकर दत्त पांडे गली नंबर दो गुमानीवाला ऋषिकेश देहरादून ने तहरीर देकर बताया था कि श्यामपुर बाईपास गुमानीवाला शिव मंदिर के पास उनकी परचून की दुकान पर एक युवक ने सामान लेने के बदले दो हजार का नकली नोट दिया और चला गया। इस मामले की जांच के लिए पुलिस की अलग अलग टीमें बनाई गईं और नीरज को पकड़ा गया।
बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह तीन दोस्त (सुनील व रोशन जोशी) हैं। बताया तीनों ने बीटेक कर रखा है और बेरोजगार हैं। सभी दोस्त रोशन जोशी के देहरादून पटेलनगर स्थित निरंजनपुर वसुंधरा विहार के लेन नंबर दो मकान में रहते हैं। आरोपी नीरज ने बताया कि रोशन जोशी लैपटॉप, स्कैनर और प्रिंटर की मदद से नकली नोट छापता है। तीनों अलग-अलग क्षेत्रों में नकली नोटों से दुकानों में खरीदारी करते हैं।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि नौकरी न मिलने पर उसको अपना खर्चा चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। जिसके चलते अपने महंगे शौक और खर्चा चलाने के लिए नकली नोट छाप कर बाजार में चलाने का कदम उठाया और अपने दोस्तों को भी इसमें शामिल कर लिया।