काशीपुर (महानाद) : मैं स्वामी जी का अनुयायी नहीं, मैं स्वामी जी का प्रशंसक नहीं।
स्वामी जी आपसे विनम्र निवेदन करना चाहता हूं कि कोरोना महामारी से मेरा प्यारा देश जूझ रहा है इस समय आयुर्वेदिक एवं एलोपैथिक पद्धति पर बहस करना हिंदुस्तान के हित में नहीं है, जिन देशभक्तों ने वैक्सीन न लगाने के विरुद्ध बयानबाजी की और लोगों को सार्वजनिक रूप से वैक्सीन को न लगाने की सलाह दी, इनके विरुद्ध किसी ने कोर्ट जाने की हिम्मत क्यों नहीं जुटाई। उस समय देशभक्तों को एलोपैथिक पद्धति पर और वैज्ञानिकों की क्षमता पर शक करने पर किसी कोरोना योद्धा का अपमान महसूस नहीं हुआ यह देश की विडंबना है।
मेरा मानना है देशहित में यह वाद विवाद, आरोप-प्रत्यारोप बंद होने चाहिए। आयुर्वेद एवं एलोपैथिक पद्धति दोनों का मैं समान रूप से सम्मान करता हूं।
योग ऋषि स्वामी रामदेव जी जिनका पूरा जीवन वतन को समर्पित है, उनका कहना है कि आज मेरे पास जो कुछ है वह वतन का है। एक साइकिल से अपना जीवन शुरू करने वाला महान सन्यासी आज हवाई जहाज में घूमता है। आज पूरा विश्व करोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है जिससे मेरा हिंदुस्तान भी अछूता नहीं रह पाया और संकट में आ गया
जब-जब मेरे देश पर कोई भी विपत्ति आई है। योग ऋषि ने आगे बढ़कर हिंदुस्तान का साथ दिया है। केदारनाथ जी में महा प्रलय के समय भी योगी जी देवदूत बनकर आगे आए थे और आज जब हिंदुस्तान पर महामारी का कहर बनकर टूटा है तब एक बार फिर स्वामी जी एक नई ऊर्जा के साथ प्रधानमंत्री राहत कोष में 25 करोड़ रुपये पतंजलि समूह से और प्रत्येक कर्मचारी का एक दिन का वेतन जो लगभग 1.5 करोड़ बनता है समर्पित कर रहे हैं। साथ ही स्वामी जी ने गर्व के साथ एक आश्वासन प्रधानमंत्री जी को दिया है कि पूरे हिंदुस्तान में जो भी मेरे योग ग्राम हैं उनमें लगभग 2100 चिकित्सा बैड की व्यवस्था हो सकती है। सरकार जिस रूप में चाहे मेरे योगग्राम को देश की भलाई में उपयोग कर सकती है।
स्वामी जी का पतंजलि योग समूह का जितना भी लाभांश उनको मिलता है वह सब वतन के लिए समर्पित होता है। वतन का पैसा वतन के काम आए ऐसा उनका मानना है। जहां तक मैंने सुना है, पढ़ा है और देखा है कि आज तक कोई स्वदेशी कंपनी ऐसी नहीं आई जिसने बहुराष्ट्रीय कंपनियों से टक्कर ली हो। आप देश के एकमात्र ऐसे व्यवसायी हैं जिन्होंने हिंदुस्तान लीवर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उत्पादों पर मुद्रित दाम को काटकर कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर कर दिया। पूरे हिंदुस्तान में ऐसा उदाहरण देखने को नहीं मिलता। आज भी आपकी औषधियां अन्य कंपनियों के मुकाबले दाम में कम है और गुणवत्ता में अधिक है।
मैं यह बिल्कुल नहीं कहता की योग रामदेव जी के द्वारा हिंदुस्तान में लाया गया। लेकिन इतना जरूर कहता हूं कि योग का जितना प्रचार-प्रसार रामदेव जी के द्वारा किया गया इतना हिंदुस्तान में किसी के द्वारा नहीं किया यह बात लिखने में मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है कि स्वामी जी ने स्वयं योग करके टीवी के माध्यम से हम सबके सामने पहुंचाया है। जो निरंतर जारी है। पूरा विश्व आज योग दिवस मना रहा है। योग के प्रचार-प्रसार से मेरे देश मे एक क्रांति आई हैं मेरा देश स्वस्थ है, निरोगी है, ऊर्जावान है, वैभवशाली है, इसमें आपका बहुत बड़ा योगदान है।
आपकी सादगी को गदरपुर में मैंने वरिष्ठ कवि एवं संस्कार भारती गदरपुर के अध्यक्ष सुबोध शर्मा के साथ बहुत करीब से देखा है।
देशहित में एवं स्वामी जी के सम्मान में कुछ पंक्तियां समर्पित कर रहा हूँ।
जिसने अपना सारा जीवन भारत मां के नाम किया
गुरुकुल में बचपन काटा सन्यासी बाला काम किया
सादा जीवन उच्च विचारो वाली शैली देखी है
दो वस्त्रों को धारण करते अमर सादगी देखी हैं
जो कुछ मेरे पास आज है सब कुछ आज बतन का है
जो कुछ मेरे पास आज है भारत मां का तोहफा है
बड़ी-बड़ी कंपनियों को घाटे में लाकर दिखा दिया
योगा करने वाले ने व्यवसाय चला कर दिखा दिया
जब भी कोई विपत्ति आकर भारत से टकराती है
स्वामी जी की राष्ट्रभक्ति फिर से जागृत हो जाती है
भारत मां के चरणों में जब स्वामी जी का मस्तक हो
कोई विपत्ति कैसे भारत मे टिकने में सक्षम हो
जब तक ऐसे कर्णवीर भारत के साथ खड़े होंगे
कोरोना को मार भगाने में हम भी सक्षम होंगे
आज विपत्ति भारत में है जल्दी हल मिल जाएगा
हम सब की सूझबूझ से वायरस न टिक पाएगा
फिर से देश खड़ा होगा विश्व गुरु बन जाने में
सोन चिरैया भारत है फिर से यह कहलाने में।
स्वामी जी देशहित में आपके कार्यो एवं आपके महान व्यक्तित्व को सेल्यूट करता हूं।
आभार सहित सादर नमन
अनिल सारस्वत
काशीपुर, उत्तराखंड
94129 82615