फेसबुक, गूगल से टैक्स वसूलने पर अमेरिका को छोड़ अन्य जी-20 देश सहमत
खास बातें
- अधिकतर देशों के वित्त प्रमुखों ने फेयर टैक्स को बेहतर बताया
- 35 लाख करोड़ रुपये की सालाना टैक्स चोरी करती हैं बड़ी डिजिटल कंपनियां वैश्विक स्तर पर
- 29 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता हैं भारत में फेसबुक के, व्हाट्सऐप के 20 करोड़ से ज्यादा
नई दिल्ली (महानाद) : गूगल, फेसबुक जैसी बड़ी डिजिटल कंपनियों से टैक्स वसूलने को लेकर जी-20 समूह के अधिकतर देश सहमत नजर आए, लेकिन अमेरिका ने इस बदलाव पर निराशा जताई। जापान के फुकुओका शहर में शनिवार को जी-20 देशों के वित्त प्रमुखों ने फेयर टैक्स लागू करने का एकसुर में समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए बड़ी कंपनियों से राजस्व के आधार पर टैक्स वसूला जाना चाहिए।
फेयर टैक्स लगाना बड़ा सुधार
जापान के वित्त मंत्री तारो आसो ने कहा कि हम सभी इस समय बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। फेयर टैक्स लागू करना पिछले 100 वर्षों के दौरान अंतरराष्ट्रीय ढांचे में बड़ा सुधार होगा। यह नियम हर देश की सरकार को बड़ा राजस्व कमाने वाली अमेजन, फेसबुक जैसी कंपनियों से अपना कानूनी हिस्सा लेने का अधिकार देगा। तकनीकी बदलाव के दौर में वित्तीय बाजार और कारोबार को भी नवीन नीतियों की जरूरत है। नियमों में सुधार कर बड़ी कंपनियों की टैक्स चोरी पर लगाम कसना चाहिए।
अमेरिका ने जताई असहमति
हालांकि, अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने इस पर सहमति नहीं जताई। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि हमारे पास एक मजबूत आम सहमति है, लेकिन यह देखना होगा कि इसे वास्तविकता में कैसे बदलें और इसके तकनीकी पहलुओं से किस तरह निपटें। इसमें बदलाव को लेकर हम तैयार हैं, लेकिन फ्रांस की तरह इसके खिलाफ नया कानून बनाने जैसी कार्रवाई सही नहीं है।
लचर कानून का फायदा उठती हैं कंपनियां
आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के प्रमुख एंजेल गुरिया ने कहा कि बड़ी इंटरनेट कंपनियां कम टैक्स कानून वाले क्षेत्रों जैसे आयरलैंड में कर अदा करती हैं। अन्य देशों को उनके बड़े लाभ में कोई हिस्सेदारी नहीं मिलती है, जबकि ये कंपनियां इन देशों से मोटा मुनाफा कमाती हैं। उन्होंने कहा कि इस विरोधाभास से निपटने के लिए स्थायी तंत्र बनाना होगा और इसे जल्द लागू करना होगा। ऐसा नहीं होने पर विरोधाभासी स्थितियां पैदा होगी, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को गिरावट की ओर जाएगी।
सीतारमण ने भी उठाया मुद्दा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक में बड़ी डिजिटल कंपनियों की टैक्स चोरी का मुद्दा उठाते हुए इसके लिए बेहतर और कारगर कानून बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर नई स्थितियों को देखते हुए इस बदलाव की बहुत जरूरत है। भारत को हर साल अमेजन, फेसबुक जैसी डिजिटल कंपनियों से हजारों करोड़ के टैक्स की चपत लगती है। वित्त मंत्री ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और निवेश के हालात पर भी अपने सुझाव दिए।
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हमें इस बदलाव को लेकर जल्दी करनी चाहिए और इस साल के अंत तक किसी सही नतीजे पर पहुंचना होगा। इस मुद्दे पर वैश्विक सहमति को देखते हुए निश्चित समय-सीमा तय करनी चाहिए।
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