फरवरी माह का राशिफल : पं. गोविन्दराम की कलम से

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मेष (चू, चे, चै, ला, ली, लू, ले, लो, अ): ता. 21 तक मंगल स्वराशिगत होने से उद्यम एवं उत्साह मेें वृद्धि होगी। सांसारिक कार्यों में वृद्धि होगी। घर में खुशी का वातावरण बनेगा। मासान्त में द्वितीयसथ भाव में मंगल-राहू होने से कुछ आर्थिक परेशानी रहेगी।
उपाय – तीन मंगलवार को 108$108 लोंग के जोड़ों की माला कलावे में पिरोकर हनुमान जी को चढ़ायें तो बहुत बड़ी कृपा होगी।

वृष (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, बो): शुक्र भाग्य स्थान में सूर्य–गुरु-शनि आदि ग्रहों से युक्त गोचर में काल सर्प के योग के प्रभाव से किसी नवीन कार्य की योजना बनेगी। पारिवारिक आय में वृद्धि होगी। परंतु आशानुकूल लाभ में कुछ न कुछ कमी करेगी। ता. 22 से मंगल-राहू का संचार इसी राशि पर होने से मन में उचाटता एवं सिर में दर्द भी रहेगा।
उपाय – शुक्रवार को कुंजा मिश्री का दान करें, शुभ रहेगा।

मिथुन (क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह): ता. 4 से वक्री एवं अस्तगत बुध पुनः अष्टमस्थ आ जाने से आकस्मिक खर्च बढ़ेंगे। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बनी रहेगी। कार्य व्यवसाय में विघ्न बाधायें एवं आर्थिक परिस्थितियां अनिश्चित रहेंगी।
उपाय – विष्णु सहस्रनाम पाठ तथा गौमाता को बुधवार में हरा चारा डालें, शुभ रहेगा।

कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो): कार्यक्षेत्र में अकस्मात उलझनों का सामना रहेगा। बनते कार्याें में विलंब और खर्च की अधिकता रहेगी। परन्तु निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। विद्यार्थियों में विद्या एवं करियर संबंधी चिन्ता रहेगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा।
उपाय – शनि स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे): मासारंभ में कठिन परिश्रम एवं संघर्ष के पश्चात ही आय के साधन बनेंगे। खर्च बहुत अधिक रहेगा। ता. 12 से सूर्य की स्वगृही दृष्टि रहने से लाभ एवं उन्नति के वांस बनेंगे। परिश्रम करने से सफलता मिलेगी। क्रोध से बचें।
उपाय – आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।

कन्या (टो, प (प्र), पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो): ता. 4 से बुध पुनः वक्री एवं मार्गी होने से पंचमस्थ संचार करने से कुछ विवादास्पद मामले मानसिक तनाव का कारण बनेंगे। किसी निकट संबंधी से तकरार होगी। धन का खर्च अधिक होगा।
उपाय – श्री सूक्त का नित्य 21 दिन तक पाठ करें, शुभ रहेगा।

तुला (री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते): मासारंभ में शुक्र चतुर्दस्थ गुरु व शनि आदि ग्रहों से युक्त होने से मिश्रित प्रभाव रहेंगे। किसी मित्र की सहायता से बिगड़े कार्य बनेंगे। किसी नये कार्य की योजना बनेगी। गत किये गये प्रयासों से बिगड़े कार्य बनेंगे। किसी नये कार्य की योजना बनेगी एवं गत किये गये प्रयासों में सफलता मिलेगी।
उपाय – नित्य 21 दिनों तक गणेश चालिसा का पाठ करें, चढ़ायें, शुभ रहेगा।

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, पा, पी, यू): पराक्रम एवं उत्साह में वृद्धि होगी। कुछ बिगड़े कार्य बनेंगे। धन लाभ के अवसर तथा वाहनादि सुखों की प्राप्ति होगी। तां. 22 के बाद मंगल-राहू योग होने से बनते कार्यों में अड़चनें पैदा होंगी। मानसिक तनाव एवं घरेलू उलझनें बनेंगी।
उपाय – मंगल स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।

धनु (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, डा): संघर्ष के बावजूद धन लाभ के साधन बनते रहेंगे। भूमि जायदाद एवं वाहनादि पर खर्च अधिक होगा। स्त्री सुख एवं परिवार में खुशी का वातावरण बनेगा। परंतु शनि की साढ़े साती के कारण बनते कार्यों में अड़चन पैदा होगी। धन हानि, कार्य विलंब एवं अत्यधिक खर्च होने से मन परेशान रहेगा।
उपाय – नित्य शनि चालिसा का पाठ करें, शुभ रहेगा।

मकर (भे, ज, जी, जू, जे, जो, ख, खी, खू, खे, खो, ग, गी): शनि की साढ़े साती होने से संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पडे़गा। आय कर्म व खर्च अधिक हो। व्यवसाय में विघ्न तथा घरेलू उलझनों के कारण मन परेशान रहेगा। शरीर को कष्ट भी होगा। व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। अत्यंत संघर्ष के बावजूद निर्वाह योग्य धन की प्राप्ति के साधन बनेंगे।
उपाय – अन्न और काले वस्त्र का दान करें, शुभ रहेगा।

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा): मासारंभ में कुछ बिगड़े कार्यों में सुधार और प्रगति होगी। तां. 12 से सूर्य का संचार तथा शनि की साढ़े साती होने से विशेष परिश्रम और भागदौड़ से अभीष्ट कार्यों की सिद्धि होगी। अकस्मात यात्रा से परेशानी रहेगी।
उपाय – तीन शनिवार को 3 नारियल गोला पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें, शुभ रहेगा।

मीन (दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, ची): राशि स्वामी गुरु-शनि-सूर्य-शुक्र आदि ग्रहों का योग लाभ स्थान में होने से पराक्रम एवं पुरुषार्थ में वृद्धि होगी। धन लाभ के मार्ग धीरे-धीरे बढ़ेंगे। उत्तरार्द्ध में वाहनादि पर खर्च तथा सरकारी, विदेशी कार्यों पर खर्च और सफलता मिलेगी। परिवार में शुभ कार्य भी होंगे।
उपाय – बृहस्पतिवार को गाय को मीठी रोटी खिलायें, शुभ रहेगा।

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