बाड़मेर (महानाद) : भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर जिले में जातीय पंचों ने एक पति-पत्नी को 11 लाख रुपये का जुर्माना भरने का फरमान सुनाया है। पंचों ने उनका हुक्का पानी बंद कर उन्हें समाज से भी बहिष्कृत कर दिया है। पीड़ित दंपति ने न्याय के लिए बाड़मेर पुलिस से गुहार लगाते हुए 35 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज करवाया है।
बता दें कि भंवार गांव निवासी समजू ने इस संबंध में जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज करवाते हुए बताया कि उसकी पहली शादी श्रवण कुमार से हुई थी, लेकिन वह रेप के आरोप में जेल चला गया जिसके बाद समजू ने श्रवण कुमार के जेल जाने के बाद उससे तलाक लेकर 2020 में वेरशीराम से दूसरी शादी कर ली। लेकिन समजू के अपनी मर्जी से दूसरी शादी करने के कारण उसके मायके वाले नाराज हो गये। जिसके बाद गांव के 35 जातीय पंचों ने तिलोकाराम की अगुवाई में तुगलकी फरमान सुनाते हुए समजू व उसके पति वेरशीराम को 11 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दे दिया। जब उन्होंने जुर्माना भरने में असमर्थता जताई तो उनका हुक्का पानी बंद कर उन्हें समाज से बहिष्कृत भी कर दिया।
जिसके बाद पीड़िता अपने पति के साथ सेड़वा थाने पहुची और धारा 384 के तहत 35 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदर्मा दर्ज करवाया लेकिल पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद पीड़िता ने बाड़मेर के एसपी से मिलकर अपना दुखड़ा उन्हें सुनाया।
वहीं, मामले में जानकारी देते हुए एएसपी नरपत सिंह का कहना है कि पीड़िता समजू व वेरशीराम के मुताबिक उन्हें समाज से बहिष्कृत कर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गरीब परिवार होने के कारण 11 लाख रुपये भरने में असमर्थता जताने पर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। पीड़ित परिवार ने 18 अक्टूबर को सेड़वा थाने में मामला दर्ज करवाया था। पूरे प्रकरण की तथ्यता की जांच करवाकर जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।