काशीपुर : जमीन का पट्टा दिलाने के नाम पर चकबंदी पेशकार ने हड़पे डेढ़ लाख

0
438

आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : चकबंदी कार्यालय काशीपुर में तैनात पेशकार ने 5 एकड़ जमीन पट्टे पर दिलाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपये हड़प लिये। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी चकबंदी कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

आवास विकास निवासी हरि सिंह पुत्र स्व. रघुवीर सिंह ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि सितम्बर 2019 में चकबंदी कार्यालय काशीपुर में तैनात पेशकार रूपेन्द्र सिंह ने उसको बताया कि हाईकोर्ट नैनीताल से एक रिट याचिका स्वीकृत की गयी है जिसमे ओबीसी/एससी जाति के लोगों को उत्तराखंड में 5 एकड़ जमीन पट्टे पर आवंटित की जायेगी। साथ ही चकबंदी कर्मचारी रूपेन्द्र सिंह ने उसको रिट के विषय में अपने मोबाइल पर नजीर दिखाई। विश्वास में लेकर रूपेन्द्र ने यह भी कहा कि मैं तुम्हे पांच एकड़ जमीन का पट्टा दिला दूंगा लेकिन उसके एवज में आपको 30,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 1,50,000 रुपये देने होंगे। उसने रूपेन्द्र की बात पर विश्वास करके उसको 1,50,000 रूपये दे दिये। इस बात का प्रमाण उसके मोबाइल नम्बर पर भी है। जो कि सारे पैसे का लेन देन उसके निवास स्थान काशीपुर में हुआ।

हरि सिंह ने बताया कि रूपेन्द्र कई बार अपने स्टाफ के कर्मचारी जसविंदर राणा, शादाब पटवारी व अरविद रौतेला सर्वेयर को अपने साथ ग्राम किलावली जमीन की पैमाईश के लिये लेकर गये। लेकिन रूपेन्द्र ने तयशुदा रकम लेकर भी उसको पांच एकड़ जमीन का पट्टा नहीं दिलाया। ज उसने पैसे वापस मांगें तो रूपेन्द्र ने उसको 1,50,000 रुपये देने से साफ इंकार कर दिया।

हरि सिंह ने बताया कि इस मामले की तहरीर उसने 3 मार्च 2022 को कोतवाली काशीपुर को दी थी। लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की और ना ही कोई कार्यवाही की। इसके बाद 23 मार्च 2022 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधम सिंह नगर को रजिस्टर्ड डाक से प्रार्थना पत्र प्रेषित किया। लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने भी प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की है। इसके बाद मजबूर होकर धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर न्याय की गुहार लगायी।

न्यायालय ने प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए कोतवाली पुलिस को इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी चकबंदी कर्मचारी रूपेन्द्र सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।