पहला संकल्प है-विकसित भारत। इससे कम हमें मंजूर नहीं।
दूसरा प्रण किसी भी कोने में, हमारे मन के भीतर गुलामी का अंश बाकी नहीं रहना चाहिए। सैकड़ों साल तक गुलामी ने हमें जकड़ कर रखा था, सोच में विकृतियां पैदा कर रखी हैं। हमें गुलामी की कोई छोटी चीज भी नजर आती है तो उससे मुक्ति पानी ही होगी।
तीसरा प्रण है कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। ये विरासत है, जिसने भारत को स्वर्णिम इतिहास दिया।
चौथी प्रण शक्ति है एकता और एकजुटता। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ देशवासियों में एकजुटता जरूरी है। कोई पराया नहीं है।
पांचवा प्रण है नागरिकों का कर्तव्य। उन्होंने कहा, इसमें पीएम-सीएम भी बाहर नहीं होते हैं, वे भी देश के नागरिक होते हैं। जब सपने बड़े होते हैं, तब संकल्प बड़े होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह नहीं मिली, या उनको भुला दिया गया था। आज देश ने खोज-खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया है
मोदी ने कहा कि हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आज़ादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति हूं जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला है।
मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है, जिनके जहन में लोकतंत्र होता है, वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं, वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है। उन्होंने कहा, देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, अश्फाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी।
प्रधानमंत्री ने चीन से बड़े पैमाने पर आयात की ओर से इशारा करते हुए ड्रैगन पर चोट की भी बात कही। उन्होंने कहा कि आज हमारे 5-5 साल के बच्चे भी यह संकल्प ले रहे हैं कि विदेशी खिलौनों से नहीं खेलेंगे। मोदी ने भारत में बनी तोप के लिए सेना के अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आज हम आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं। फिनटेक सेक्टर में हमने क्रांति की है। आने वाले समय में कृषि से लेकर शिक्षा तक डिजिटल माध्यम का महत्व बढ़ने वाला है।हम जल्दी ही कनेक्टिविटी के मामले में एक कदम और आगे बढ़ने वाले हैं और जल्दी ही 5जी सर्विस की शुरुआत हो जाएगी।
मोदी ने कहा कि आने वाले 25 सालों में मैं अपनी माताओं-बहनों और नारी शक्ति के योगदान को अहम मानता हूं। हम जितने अवसर और सुविधाएं बेटियों को देंगे, वे हमें बहुत कुछ लौटा कर देंगी। वे देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। यदि हमारी नारी शक्ति संकल्पों से जुड़ेंगी तो हमारी मेहनत कम होगी और समय भी कम लगेगा। अब यह वक्त है, जब हमें तकनीक के मामले में भी दुनिया को दिशा देनी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री के नारे को भी याद करते हुए कहा कि उन्होंने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा था। अब हमें इससे भी आगे बढ़ते हुए जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान की ओर बढ़ना होगा।