Uttarakhand News: उत्तराखंड में जहां यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में जांच चल रही है तो वहीं एक के बाद एक भर्तियों पर सवाल खड़ें हो रहे है। अब पेयजल निगम में सहायक अभियंता (एई) और कनिष्ठ अभियंता (जेई) की भर्ती में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि भर्ती को लेकर उठे सवालों ने सलेक्शन कमेटी की कार्यप्रणाली को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार एई-जेई की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों ने नौकरी के लिए फर्जी प्रमाण पत्र ही नहीं बनाए, बल्कि सलेक्शन कमेटी ने भी नियमों की धज्जियां उड़ाकर चहेतों पर खूब मेहरबानी लुटाई है। बताया जा रहा है कि पेयजल निगम ने 2005 में एई के 70 और जेई के 241 पदों पर पंजाब यूनिवर्सिटी से परीक्षा कराई। पंजाब यूनिवर्सिटी ने परीक्षा कराने के बाद रिजल्ट जारी कर मेरिट लिस्ट मैनेजमेंट को सौंप दी ।
रिपोर्टस की माने तो इंटरव्यू में कागजों की पड़ताल के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली हुई। जिसके चलते यूपी , बिहार , दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के अनुसूचित जाति और महिलाओं को राज्य के आरक्षण कोटे का लाभ देकर नियम विरुद्ध नियुक्त कर लिया गया। चयन कमेटी ने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के मानकों और नियमों को दरकिनार करके आरक्षित ही नहीं अनारक्षित पदों पर भी मनमाने तरीके से नियुक्ति दी।