विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : एससीजी आईएमटी एंड लॉ कॉलेज के निदेशक प्रशासन पीके बक्शी ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि सत्येन्द्र चन्द्र गुड़िया लॉ कॉलेज के सम्बन्ध में कल दिनांक 10.11.2022 को एक भ्रामक खबर एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई कि हाईकोर्ट ने सत्येन्द्र चन्द्र गुड़िया लॉ कॉलेज को निर्देश दिया कि हाईकोर्ट नैनीताल द्वारा दिये गये निर्णय के लिए कॉलेज प्रशासन को जुर्माने की रकम 50,000 रुपये 2 सप्ताह के भीतर भुगतान करना होगा जो कि बेबुनियाद और निराधार है।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा दिये गये निर्णय के अनुसार कॉलेज को 50,000 रुपये की रकम जो कोर्ट ने ‘लागत’ के रूप में निर्धारित की थी, वह राशि संजय शर्मा के खाते में दिनांक 29.07.2022 को एनईएफटी के माध्यम से उसका भुगतान किया जा चुका है। संजय शर्मा को जो कि सत्येन्द्र चन्द्र गुड़िया लॉ कॉलेज में 2016 से संविदात्मक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे उनके कॉलेज विरोधी क्रियाकलापों एवं अन्य संदिग्ध कार्यों के कारण कॉलेज प्रशासन द्वारा निलम्बन किया गया था एवं कॉलेज द्वारा उन्हें नियमानुसार भुगतान करने का विचार किया गया, परन्तु संजय शर्मा द्वारा कॉलेज को ब्लैकमेल एवं कोर्ट में जाने को लेकर लगातार धमकी दी जा रही थी। उसके उपरान्त संजय शर्मा द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई कि उनकी पुनर्नियुक्ति कॉलेज में कराई जाये तथा उनको 5 लाख रुपये कॉलेज प्रशासन द्वारा भुगतान कराया जाये।
बक्शी ने बताया कि हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में केवल तत्काल सत्र 2020-2021 के वेतन का जो लगभग 2.5 लाख रुपये (ढाई लाख रुपये) भुगतान करने का निर्देश दिया और लागत के रूप में 50 हजार रुपये देने का निर्देश दिया। उनकी अन्य किसी मांग को हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। यहां यह भी अवगत कराना है कि संजय शर्मा की नियुक्ति 2016 में कुमाऊँ विश्वविद्यालय की कमेटी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था। परन्तु मैनेजमेण्ट कमेटी की चैयरमेन के पारिवारिक मित्र के दवाब के कारण उनकी नियुक्ति बिना अर्हता के संविदात्मक शिक्षक के रूप में की गयी थी। अतः शर्मा द्वारा यह कहना कि 50,000 रुपये का जुर्माना 2 सप्ताह के भीतर भुगतान करना होगा वह असत्य व निराधार है।