Uttarakhand News: देहरादून से बड़ी खबर आ रही है। उत्तराखंड एसटीएफ ने डॉक्टर की फर्जी डिग्री को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि डिग्री आठ लाख रुपये में बेची जा रही थी। एसटीएफ ने बीएएमएस की फर्जी डिग्री बेचने के मामले में दो डॉक्टर समेत कॉलेज संचालक को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें एक बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर का संचालक भी शामिल है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार एसटीएफ द्वारा उत्तराखण्ड में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सम्बन्ध में विगत एक माह से जांच की जा रही थी। मामले कि प्रारम्भिक जांच में कई आर्युवेदिक डॉक्टरों का फर्जीवाड़ा पाया गया और ऐसे करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके संबंध में चिकित्सा बोर्ड से सूचना मांगी गई तो ज्यादातर फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साईस यूनिवर्सिटी कर्नाटक की पाई गई जो कि खुद फर्जी है।
बताया जा रहा है कि एसटीएफ ने बुधवार को दून में प्रेक्टिस कर रहे दो डॉक्टर समेत कॉलेज का संचालक दबोचा। आरोपी कर्नाटक की यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री दे रहा था। 6 लोगों के फर्जी डिग्री से उत्तराखंड में प्रेक्टिस की पुष्टि हुई। ब्लैंक डिग्री और मुहर बरामद हुई। फर्जी डिग्री से दून के प्रेमनगर और रायपुर में प्रेक्टिस करने वाले डाक्टर दबोचे गए हैं।
रिपोर्टस की माने तो राज्य में कई आयुर्वेदिक चिकित्सक जो कि BAMS की फर्जी डिग्री धारण किये हुये है । उन लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड में चिकित्सा अभ्यास का पंजीकरण करा लिया गया है और उसी फर्जी पंजीकरण के आधार पर उत्तराखण्ड के अलग-अलग स्थानो पर BAMS डाक्टर के रूप में अपने निजी अस्पताल / क्लीनिक चला रहे है, जहां पर आम जनता इन्हें डाक्टर समझ रही है एवं अपनी बीमारी को लेकर इन लोगों से उपचार करवा रहे है। जिससे लोगों की जान जोखिम में है।