इटावा (महानाद): यूपी के इटावा के सैफई मेडिकल कॉलेज के हार्ट के डॉक्टर ने जल्द करोड़पति बनने के लालच में सैकड़ों मरीजों को नकली पेसमेकर लगा दिये। शिकायत के बाद हुई जांच के बाद सामने आया कि डॉक्टर ने हार्ट में पेसमेकर लगाने के लगभग 600 ऑपरेशन किये थे जिसमें से 200 मरीजों के बारे में अभी तक पता चल गया है। जिसके बाद पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तारकर जेल भेज दिया।
आपको बता दें कि सैफई मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में कार्यरत डॉक्टर समीर सर्राफ ने एसजीपीजीआई की तय कीमत से ज्यादा रेट पर मरीजों को नकली पेसमेकर लगाये थे। मरीज के परिजनों की शिकायत के बाद कॉलेज प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की थी। जांच में शिकायत सही मिली। जांच में पता चला कि डॉ. सर्राफ ने एक पेसमेकर की कीमत से 9 गुना अधिक कीमत वसूली थी। इसके बाद एक्सपर्ट की राज्य स्तरीय एक बड़ी जांच टीम का गठन किया गया।
वहीं, 24 दिसंबर 2022 को पुलिस को स्पीड पोस्ट से एक शिकायती पत्र मिला था। जिसकी जांच तत्कालीन पीजीआई पुलिस चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक केके यादव द्वारा की गई। पत्र में डॉ. सर्राफ पर आरोप लगाया गया था कि सैफई मेडिकल कॉलेज के कैथ लैब का एक से डेढ़ साल का सामान उपलब्ध होने के बाद भी डॉ. समीर एवं अन्य लोगों ने 2019 में लगभग एक करोड़ मूल्य के अनावश्यक सामान की खरीद की थी। जिसमें लाखों रुपये की धांधली की गई। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कई स्तर की जांच के बाद उक्त पेमेंट भी रोक दिया था।
वहीं, मध्य प्रदेश से लौटते हुए सैफई हवाई पट्टी पर कुछ देर रुके उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिन लोगों के साथ दिक्कत हुई है, सरकार उनका पता करेगी और उनकी जीवन रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगी।
विदित हो कि उक्त मामला फरवरी 2022 से शुरू हुआ था। कुछ मरीजों व उनके परिजनों ने सैफई थाने में डॉक्टर समीर सर्राफ के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हुए आरोप लगाये थे कि उनके हार्ट का ऑपरेशन करके नकली पेसमेकर लगा दिया गया है, जिससे उन्हें तकलीफ सहनी पड़ रही है। जांच समिति ने पाया कि डॉ. सर्राफ ने पेसमेकर लगाने के लिए एक मरीज से 1.85 लाख रुपये लिए, जो तय रकम 96,844 रुपये से करीब दोगुना है। बता दें कि पेसमेकर एक ऐसा छोटा उपकरण है, जो मानव हृदय के साथ ऑपरेशन कर लगाया जाता है। यह मुख्यतः हृदय गति को नियंत्रित करने में सहायता करता है।
बता दें कि डॉ. समीर सर्राफ द्वारा उस समय रिश्वत लेने का भी सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ था। तब मामले की गंभीरता को देखते हुए सैफई पुलिस ने एफआईआर सं. 17/22 में धारा 7, 8, 9, 13 के तहत मामला दर्ज किया था।
डॉ. समीर की गिरफ्तारी के बाद एसएसपी संजय कुमार ने बताया कि साल 2022 में एक मामला दर्ज करने के बाद इस केस की जांच गजेटेड अधिकारी और पुलिस कर रहे थे। डॉ. की गिरफ्तारी को लेकर शासन को चिट्ठी लिखी गई थी, जिसके बाद वहां से अनुमति मिलने पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी ने कहा कि उन पर नियम के अनुसार कार्रवाई की गई है। अभी तक की जांच में करीब ढाई सौ मरीजों के साथ पेसमेकर लगाने में धांधली का मामला सामने आया है। मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया गया है। इसमें अन्य लोगों के भी शामिल होने की संभावना है और जांच जारी है।
डॉ. समीर पर आरोप है कि उन्होंने मरीजों को नकली पेसमेकर लगाने के लिए कंपनियों से समझौता किया था। इसके एवज में वे मरीजों को ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली पेसमेकर लगाकर मोटा पैसा कमाते थे। इतना ही नहीं इस काम के बदले में ये कंपनियां डॉ. को 8 विदेश यात्राएं करवा चुकी हैं।