नई दिल्ली (महानाद) : जल्द ही आप जितनी यात्रा करेंगे उतना ही टोल देना होगा। अभी आपको जहां-जहां टोल पड़ता है वहां पर टोल देना ही पड़ता है। कई बारतो ऐसा होता है कि मात्र 5-7 किमी राजमार्ग का इस्तेमाल करने के बावजूद आपको 60 किमी का टोल देना पड़ता है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राजमार्गों पर लगे मौजूदा टोल प्लाजा को हटाने के लिए अगले साल मार्च तक जीपीएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली सहित नई तकनीकों को लागू किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य ट्रेफिक जाम को कम करना और वाहन चालकों से हाईवे पर तय की गई वास्तविक दूरी के हिसाब से ही टोल वसूल करना है। गडकरी ने कहा कि सरकार देश में टोल प्लाजा को बदलने के लिए जीपीएस आधारित टोल सिस्टम सहित नई तकनीकों पर विचार कर रही है। हम अगले साल मार्च तक पूरे देश में नया जीपीएस सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह शुरू करेंगे।
गडकरी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों को बिना रोके ऑटोमैटिक टोल संग्रह को सक्षम करने के लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा) के दो पायलट प्रोजेक्ट भी चलाए हैं।