उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान को लेकर बहुत कुछ देखने को मिला। जहां लोगों में उत्साह दिखा तो कहीं बहिष्कार हुआ। इस बार वोट प्रतिशत भी घटा तो वहीं एक हैरतअंगेज मामला सामने आया। एक जिंदा महिला को मृत घोषित कर दिया गया। महिला खुद के जिंदा होने का सबूत देती रही लेकिन उसे वोट देने नहीं देना होता। आखिरकार उसे बिना मतदान किए वापस लौटना पड़ा।
अपनी बात रखती महिला।
मिली जानकारी के अनुसार देहरादून के मतदान केंद्र श्री गुरुराम राय डिग्री कालेज पथरीबाग के 18 धर्मपुर भंडारी बाग में एक महिला मतदान करने के लिए मतदान की स्लिप लेकर साथ आई, लेकिन बूथ अधिकारियों ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि तुम मृत हो चुकी है। ऐसे में वोट नहीं डाल सकती। महिला एक साल के बच्चे को गोद में लिए तीन घंटे इधर-उधर चक्कर काटती रही, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
बताया जा रहा है कि महिला का नाम 33 वर्षीय साहिबा खान है। महिला की वोटर लिस्ट में डिलीट लिखा हुआ था, जिसके कारण उन्हें मतदान नहीं करने दिया गया। यह चूक बूथ लेवल अधिकारी के स्तर पर हुई है, ऐसे में उन्हें ही पता होगा कि वोटर लिस्ट में डिलीट कैसे लिखा गया। मृत बताई जा रही सहिबा के पति मोहसिन की कुछ समय मृत्यु हो चुकी है। पूर्व में वह सभी चुनावों में प्रतिभाग करती आ रही है।
बताया जा रहा है कि शनिवार को दोपहर करीब एक बजे वह मतदान करने के लिए श्री गुरुराम राय डिग्री कालेज पथरीबाग में मतदान करने के लिए आई। जब उसने अपनी वोटर स्लिप दिखाई तो एक बार तो बूथ पर बैठे कर्मचारी उसे देखकर चौंक गए और कहा कि तुम तो मर चुकी हो। वोट देने के लिए कैसे आ गई। महिला ने कहा कि वह जिंदा है और उसने अपने जिंदा होने के सभी दस्तावेज भी दिखाए, लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी और कहा कि वह मतदान नहीं कर सकती। मामले में कई सवाल खडे हो रहे है।