आगरा (महानाद) : यहां एक 7 साल के बच्चे ने 17 साल बाद वकील बनकर अपने अपहरणकर्ताओं को सजा दिलाने का गजब का मामला सामने आया है।
आपको बता दें कि वर्ष 2007 में अपहरणकर्ताओं अधिवक्ता रवि कुमार गर्ग के पुत्र तथा व्यवसायी अविनाश गर्ग के भतीजे 7 साल के हर्ष का उसके घर के आगे से अपहरण कर लिया था तथा हर्ष के पिता रवि गर्ग को गोली मारकर घायल कर दिया था। अपहरणकर्ताओं ने हर्ष को छोड़ने के एवज में 55 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी, लेकिन 26 दिन बाद पुलिस ने हर्ष को मध्य प्रदेश के शिवपुरी से सुरक्षित बरामद कर लिया था।
पुलिस ने इस मामले में गुड्डन काछी, राजेश शर्मा, राजकुमार, फतेह सिंह उर्फ छिगा, अमर सिंह, बलवीर, रामप्रकाश तथा भीकम उर्फ भिखारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले में अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए अब आजीवन कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है, हालांकि, 4 अन्य आरोपियों को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया गया है।
आपको बता दें कि अपहृत बालक हर्ष गर्ग अपने अपहरण के दोषियों को सजा दिलाने के लिए कभी चैन से नहीं बैठा और उसने बड़े होकर वकील बनने का फैसला किया और वकालत करने के बाद, हर्ष ने खुद अपने मुकदमे की पैरवी की और उन सभी आरोपियों को सजा दिलाई, जिन्होंने उसके बचपन को तहस-नहस कर दिया था।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह पेश किए गए, जिसमें हर्ष, उसके पिता रवि कुमार गर्ग तथा अन्य महत्वपूर्ण गवाहों ने बयान दिया। हर्ष गर्ग की गवाही सबसे अहम रही, क्योंकि वे खुद ही पीड़ित थे।
24 साल के हर्ष गर्ग न्यायिक परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उनके पिता रवि गर्ग मनरेगा में लोकपाल के रूप में कार्यरत हैं।