मेरठ (महानाद) : शुक्रवार को एसओजी और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए नकली नोटों को कारोबार चला रहे ठगों के एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह का सरगना अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है, जिसकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है।
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि गिरोह लोगों को कम कीमत में नकली नोट बेचता था बाद में फर्जी पुलिस बनकर छापेमारी करता और मामले को रफा-दफा करने के लिए मोटी रकम वसूलता।
पुलिस ने बताया कि ठगी के इस खेल की शुरुआत रेकी करने से होती थी। गैंग के सदस्य बाजार में जाकर ऐसे लोगों की तलाश करते थे, जो रोजाना नकद में लेन-देन करते हों। इसके बाद गैंग के सदस्य उस आदमी से मिलकर दोस्ती बढ़ाते। इसके बाद उसे असली नोटों को नकली नोट बताकर कम दाम में देते थे।
उसके बाद गैंग के लोग कहते कि ये नकली नोट है, इसे बाजार में चलाओ। पार्टी असली नोट को नकली करेंसी समझकर बाजार में चलाती, नोट चल जाता। दोबारा गैंग से नकली नोट मुंहमांगी रकम देकर लेने की डिमांड करती। जिसके बाद गैंग असली नोट को नकली बताकर पहले विश्वास जीतता। जब पार्टी को गैंग पर भरोसा हो जाता, तो वह गैंग से और नकली नोटों की डिमांड करती थी। तब गिरोह 500 और 200 रुपए के नकली नोटों की गड्डियां तैयार करता। इन गड्डियों के ऊपर और नीचे एक या दो असली नोट होते। बीच के सारे नोट नकली या कई बार नोट के आकार के कटे हुए कागज लगे होते थे।
नकली नोट कस्टमर को सौंपते ही गैंग के सदस्य कस्टमर का पीछा करते हुए उसके घर का पता करते थे और फिर दो-तीन घंटे बाद कस्टमर के घर पुलिस की फर्जी रेड डालकर कस्टमर को पकड़ते और कहते कि वह नकली नोट का धंधा करता है। वे पुलिसवाले बनकर कस्टमर को नकली नोटों का कारोबार करने के मामले में जेल भेजने का डर दिखाते और मामला सैटल करने के लिए मुंहमांगी रकम मांगते और जो नकली नोट गैंग के सदस्यों ने कस्टमर को बेचे थे, उसे भी वापस ले आते। बाद में उस रकम को आपस में बांट लेते थे।
गैंग के सदस्य नकली नोटों के सैंपल दूल्हे की शादी की माला, सेहरे में लगने वाले नोटों से लेता और इस सैंपल से प्रिंटिग प्रेस में नकली नोट छपवाते। कुछ कागज को नोटों के बराबर के आकार में काटकर गड्डी में लगा देते, ताकि कस्टमर समझे कि गड्डी में नोट हैं। मेरठ सहित आस-पास के जिलों में कई लोग नकली नोटों को बाजार में चलाने के चक्कर में गैंग से ठगी का शिकार हो चुके हैं।
ठगी के इस खेल में होमगार्ड सतेंद्र शर्मा तथा उसका भाई कृष्ण शर्मा भी शामिल है। इन दोनों को भी पुलिस ने पकड़ लिया है। फर्जी पुलिसवाला बनकर सतेंद्र और कृष्ण ही कस्टमर के पास जाते और नकली नोटों के कारोबार का मामला दबाने के लिए पैसे ऐंठते।
पुलिस ने कृष्ण शर्मा के अलावा मोहसिन, नाजिम महताब और अरशद को गिरफ्तार किया है। गैंग का मास्टरमाइंड ईसा पुत्र अफलातून फरार है। वह पांचली का रहने वाला है। गिरोह के पास से पुलिस ने 500 रुपए के नकली नोटों के 9 बंडल, 200 रुपए के नकली नोटों के 4 बंडल, 15 हजार रुपए नकद, 5 मोबाइल और 4 बाइक बरामद की हैं।