– आयुष्मान योजना के लाभ को लेकर दूरस्थ गांवों में भी बढ़ी है जन-जागरूकता
– उत्तराखंड में 3.83 लाख बार लाभार्थी ले चुके हैं मुफ्त उपचार
– बाहरी प्रांतों के जरूरतमंद लाभार्थियों को भी मिल रहा है योजना का लाभ
विकास अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : 5.46 अरब की धनराशि कोई छोटी राशि नहीं होती। यह राशि वह है जिसे राज्य की सरकार ने बीमारी से ग्रस्त अपने निवासियों के मुफ्त उपचार पर खर्च किया है। खर्च का यह आंकड़ा दिनों दिन बढ़ रहा है। इसी आंकड़े ने इस बात पर भी मुहर लगा दी है कि आयुष्मान योजना प्रदेश और देश की नहीं अपितु विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है।
यहां राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित राज्य की आयुष्मान योजना के बारे में बात हो रही है। 4 दिसंबर 2021 तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक आयुष्मान योजना के कार्ड धारक मरीजों के निःशुल्क उपचार पर प्रदेश सरकार के 546 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है। अरबों का यह विशाल आंकड़ा जितना बड़ा है उतना ही सुकून देने वाला भी है। क्योंकि जाहिर तौर पर यह राशि किसी जरूरतमंद के बुरे वक्त में काम आई है। लाखों की तादाद में संकट के समय जरूरतमंदों को इससे हौसला मिला, और रुग्णता से घिरी जिंदगी मेें फिर से स्वास्थ्य की लालिमा से खिलखिला गई।
प्रदेशवासी भी अब बेहद कल्याणकारी आयुष्मान के योजना को लेकर जागरूक हो गए हैं। आए दिन सैकड़ों की तादाद में लोग कार्ड बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर मिले फैलाव के चलते दूरस्थ गांवों में भी लोगों में योजना को लेकर जागरूकता की अलख जली हैं। राज्य में अब तक 45.20 लाख से अधिक लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं।
राज्य में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल मिलाकर 221 अस्पताल आयुष्मान योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं। और देशभर में 27 हजार से अधिक अस्पताल में इस योजना का लाभ लिया जा सकता है। अच्छी बात यह है कि बाहरी प्रांतों के लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं। आमजन की सुविधा के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से टोल फ्री नंबर 155368/18001805368 भी जारी किए हैं। जहां से योजना से संबंधित कोई भी जानकारी ली जा सकती है।
राज्य में आयुष्मान योजना पर एक नजर
– आम मरीजों के उपचार पर खर्च हुई धनराशिः 545 करोड़ से अधिक
– अब तक बन चुके आयुष्मान कार्डः 45.20 लाख से अधिक
– मरीजों ने अब तक लिया मुफ्त उपचारः 3.83 लाख से अधिक
– राज्य में योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल – 221
– देश भर में सूचीबद्ध अस्पतालः 27 हजार से अधिक