महानाद डेस्क : यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी की अभी कुछ देर पहले मौत हो गई। अंसारी की तबीयत खराब होने के कारण उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। मुख्तार के इलाज में 9 डॉक्टरों की एक टीम लगाई गई थी।
आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को भी उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने उसे कब्ज की समस्या बताई थी और इलाज के बाद उसी दिन वापिस जेल भेज दिया था। बुधवार को जेल में उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया था, जिसमें सब सामान्य था। लेकिन आज उसकी तबियत फिर से बिगड़ गई और अस्पताल में उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
60 वर्षीय मुख्तार अंसारी ने सुनवाई के दौरान अदालत में आरोप लगाया था कि जेल में उसकी हत्या का प्रयास किया जा रहा है। उसे खाने में धीमा जहर दिया जा रहा है, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ रही है। मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने जेल प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी थी।
मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर व मऊ समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एहतियात के तौर पर पुलिस लाइन से भारी संख्या में फोर्स निकाली जा रही है। सूचना के अनुसार बांदा, मऊ और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है।
मुख्तार अंसारी यूपी का का एक राजनेता और बाहुबली अपराधी था। वह मऊ निर्वाचन क्षेत्र से रिकॉर्ड पांच बार विधायक चुना गया था। वह कृष्णानंद राय हत्या के मामले में मुख्य आरोपी था। अंसारी ने बसपा के टिकट पर अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता और अगले दो जिसमें एक निर्दल के रूप में 2007 में, अंसारी बसपा में शामिल हो गया और 2009 के लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ा लेकिन हार गया। जिसके बाद बसपा ने 2010 में उन्हें आपराधिक गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया था। बाद में उसने अपने भाइयों के साथ अपनी पार्टी ‘कौमी एकता दल’ का गठन किया। वह यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में मऊ सीट से विधायक चुना गया। 2017 में बसपा के साथ कौमी एकता दल को विलय कर दिया और बसपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव में पांचवीं वार विधायक के रूप में जीता था।
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