इंदौर (महानाद) : मारपीट के एक मामले में जिला कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गुड्डू सहित छह लोगों को एक-एक साल की सजा सुनाई है। आरोपियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
बता दें कि सन 2011 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के उज्जैन आगमन पर उनको काले झंडे दिखा रहे भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई थी। मामले में उज्जैन के भाजयुमो नेता जयंत राव ने जीवाजीगंज थाने में दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गुड्डू, मुकेश भाटी, जयसिंह दरबार, महेश परमार, अनंत नारायण मीणा तथा असलम लाला के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। एबीवीपी पदाधिकारी अमय आप्टे ने आरोप लगाए थे कि उन पर प्राणघातक हमला किया गया। मामले में दिग्विजय सिंह शनिवार को इंदौर पहुंचे और जिला कोर्ट में पेश हुए जहां न्यायाधीश मुकेश नाथ ने सजा सुनाई हांलाकि थोड़ी देर बाद ही उन्हें जमानत मिल गई थी।
फैसला आने के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह लगभग 10 साल पुराना झूठा केस है। एफआईआर में हम लोगों का नाम नहीं था। राजनीतिक दबाव के बाद हमारा नाम जोड़ा गया।
वहीं, प्रेमचंद गुड्डू ने बताया कि 10 साल पहले उज्जैन में फर्जी मुकदमा दायर किया गया था। हम पर हमला हुआ था। मैं लोकसभा का सांसद था लेकिन उस समय हमारी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसके विरुद्ध हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे। विपक्षी पार्टी ने चोट सीधे हाथ में बताई है जबकि मेडिकल में उल्टे हाथ में आई थी। यह भाजपा का षड़यंत्र है। होटल में तोड़फोड़ की गई थी लेकिन होटल वालों की रिपोर्ट नहीं लिखी गई और मामला एकतरफा बनाया गया तथा झूठे तरीके से साक्ष्य प्रस्तुत किए गये हैं।
उधर, दिग्विजय सिंह के वकील राहुल शर्मा ने बताया कि यह उज्जैन का मामला है। किसी कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह व अन्य लोग जा रहे थे। रास्ते में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर गाड़ी रोकी। जेड प्लस सुरक्षा के बीच में घुसे। शुरुआत में दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गु्ड्डू, महेश परमार आदि का नाम नहीं था लेकिन बाद में इनको भी आरोपी बनाया गया। कोर्ट ने 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी है। हम ऊपरी कोर्ट में अपील करेंगे।