अभिनव अग्रवाल
हरिद्वार (महानाद) : जिलाधिकारी हरिद्वार ने जिले में आगामी 1 वर्ष तक ई-रिक्शा का पंजीकरण न करने की सिफारिश की है।
जिलाधिकारी व अध्यक्ष सड़क सुरक्षा समिति धीराज सिंह गर्ब्याल ने जनपद हरिद्वार में ई-रिक्शा संचालन को प्रतिबंधित एवं नियमित किये जाने के सम्बन्ध में परिवहन आयुक्त, उत्तराखण्ड को विगत 30 सितंबर को आयोजित जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का हवाला देते हुए पत्र के माध्यम से विस्तार से अवगत कराया है कि जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में विश्लेषण करने पर पाया गया कि वर्तमान में जनपद हरिद्वार में 8,603 ई-रिक्शा, 6,624 ऑटो एवं 2518 बसें संचालित है तथा वर्ष 2023 में अद्यतन 1365 ई-रिक्शा का पंजीकरण किया जा चुका है, जिनकी संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है।
जिलाधिकारी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए लिखा है कि ई-रिक्शा/ऑटो का जनपद में मुख्य रूप से संचालन रेलवे स्टेशन/बस स्टेशन की 4-5 किमी. परिधि वाले क्षेत्र में किया जा रहा है, जो कि घनी आबादी वाला ऐसा क्षेत्र है, जिसमें प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिससे प्रायः जाम की स्थिति बनी रहती है। अत्यधिक संख्या में ई-रिक्शा के संचालन से सड़कों पर न केवल जाम की स्थिति बन रही है, अपितु काफी संख्या में दुर्घटनाएं भी घटित हो रही हैं, जिनमें यात्री भी चोटिल हो रहे हैं।
जिलाधिकारी द्वारा बैठक में लिये गये निर्णयों में -जनपद हरिद्वार में आगामी 01 वर्ष हेतु ई-रिक्शा के पंजीकरण पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी जाये, परिवहन एवं पुलिस विभाग की सहायता से 03 वर्ष से अधिक समय से संचालित ई-रिक्शाओं को चिन्हित कर उनका फिटनेस परीक्षण किया जाये तथा क्रमबद्ध रूप से प्रतिवर्ष निर्धारित संख्या में वाहनों को ऑफ रोड किया जाये।
हरिद्वार जनपद में यात्रियों एवं सिडकुल कर्मियों की बड़ी संख्या के दृष्टिगत रूट निर्धारित कर इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को प्रोत्साहन किया जाये, ई-रिक्शा के पंजीकृत स्वामी द्वारा ही वाहन संचालन किया जाये तथा परिवहन विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि 01 व्यक्ति के नाम पर 01 ही ई-रिक्शा पंजीकृत हो। ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन हेतु वैध आय प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जाये तथा निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों के वाहन जो जीविकोपार्जन हेतु खरीदें गये हैं, उन्हें ही अनुमति प्रदान की जाये। ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता दी जाये तथा अनिवार्यतः पुलिस वैरिफिकेशन करवाया जाये, ई-रिक्शा के चालकों हेतु विशिष्ट श्रेणी के लाईसेंस निर्गत किये जायें तथा व्यावसायिक चालकों के समान प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त ही लाइसेंस निर्गत किये जायें।
विशेष मेलों एवं धार्मिक अवसरों पर सड़कों पर अत्यधिक संख्या में ई-रिक्शा, ऑटो विकम संचालन के कारण यातायात व्यवस्था पूर्ण रूप से बाधित हो जाती है, इसके दृष्टिगत इन अवसरों पर इन वाहनों की ऑड ईवन नम्बरों के आधार पर संचालित करने पर विचार किया जाये।
डीएम ने उक्त की विस्तृत जानकारी परिवहन आयुक्त, उत्तराखण्ड को देते हुए जनपद हरिद्वार में ऑटो ई-रिक्शा वाहनों के संचालन के नियमितीकरण हेतु अनिवार्य रूप से ये व्यवस्थायें किए जाने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।