मुंबई (महानाद) : कश्मीर के सच के बाद अब केरल (kerala) का सच लाने की तैयारी है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) ने बॉलीवुड के लिए एक नया ट्रेंड सेट किया है। कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) पर हुए अत्याचार को दिखाने के बाद अब केरल में पिछले 10 साल में 32,000 लड़कियों के गायब होने और उसके पीछे आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) का हाथ होने की कहानी पर जल्द ही फिल्म बनाई जा रही है।
सुदीप्तों सेन के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म का नाम ‘द केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) रखा गया है। मंगलवार को इसका अनाउंसमेंट करते हुए सुदीप्तों ने बताया कि फिल्म में ह्यूमन ट्रैफिकिंग (Human Traffiking) , आईएसआईएस द्वारा लड़कियों को उठाना, उनसे अपने लड़ाकों की शादी कराना, धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दे होंगे।
Behind the beautiful backwaters of Kerala, lies the horror of 32000 missing females.#VipulAmrutlalShah announces#TheKeralaStory the dark picture of the society that is horrifying and gut wrenching.
@sudiptoSENtlm @Aashin_A_Shah
#TheKeralaStory https://t.co/cB8wUCu1fu— Sumit Kadel (@SumitkadeI) March 22, 2022
बता दें कि फिल्म के मेकर्स की तरफ से एक शॉर्ट टीजर जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने केरल से हो रही हजारों लड़कियों की तस्करी और अवैध व्यापार के बारे में दिखाया है। टीजर के मुताबिक अभी तक केरल से 32,000 से अधिक युवतियों का अपहरण हो चुका है। यहीं से केरल को इस्लामिक राज्य में बदलने के लिए एक अभियान भी शुरू किया जाता है। केरल में इस तरह की घटनाएं एक दशक से भी ज्यादा समय से हो रही हैं। इस पर ‘उ केरल स्टोरी’ के निर्माताओं ने लंबे समय तक रिसर्च की है।
फिल्म के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने बताया कि यह कहानी एक ह्यूमन ट्रेजेडी है, जो आपको अंदर तक झकझोर देगी। जब सुदीप्तो सेन ने आकर मुझे 3-4 साल से ज्यादा के अपने रिसर्च के साथ इस कहानी को सुनाया, तो मैं रो पड़ा। उसी दिन मैंने इस फिल्म को बनाने का फैसला कर लिया। मुझे खुशी है कि अब हम फिल्म के साथ आगे बढ़ रहे हैं और हम घटनाओं की एक बहुत ही वास्तविक, निष्पक्ष और सच्ची कहानी बनाने की उम्मीद करते हैं।
फिल्म के लेखक/डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने बताया कि एक जांच के अनुसार 2009 से केरल और मैंगलोर की लगभग 32,000 लड़कियों को हिंदू और ईसाई समुदायों से इस्लाम में परिवर्तित किया गया है और उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य आईएसआईएस और हक्कानी प्रभावशाली क्षेत्रों में पहुंचाई गई हैं।
इस पर अपने रिसर्च और पूरे क्षेत्र की यात्रा के दौरान, हमने भागी हुई लड़कियों की मांओं के आंसू देखे हैं। हमने उनमें से कुछ को अफगानिस्तान और सीरिया की जेलों में पाया। ज्यादातर लड़कियों की शादी आईएसआईएस के खूंखार आतंकियों से हुई थी और उनके बच्चे भी हैं। यह महत्वपूर्ण फिल्म उन सभी मांओं के रोने की आवाज सुनने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने अपनी 32,000 से ज्यादा बेटियों को खो दिया है।