शिवपुरी (महानाद) : कोलारस सहकारी बैंक में हुए 103 करोड़ रुपये के घोटाले का मासटरमाइंड कैशियर राकेश पाराशर माना जा रहा है।जोकि अपने परिवार के साथ फरार चल रहा है। 103 करोड़ रुपये में से आधे से अधिक धनराशि की बंदरबांट शिवपुरी और कोलारस बैंक की शाखाओं में होने की संभावना जताई जा रही है। शेष राशि का घोटाला करने वालों की भी जिलास्तर पर जांत्र की जा रही है। लेकिन इस बड़े घोटाले में सबसे बड़ी भूमिका कैशियर राकेश पराशर की निकल कर आ रही है। पराशर पहले इसी बैंक में चपरासी था बाद में उसे कैशियर का चार्ज दे दिया गया और उसने एक बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया।
सहकारी बैंक में गड़बड़ी की शिकायत सामने आने के बाद भोपाल से आये 13 सदस्यीय जांच दल ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घोटाले में अभी तक महज तीन आरोपियों पर अपने जांच प्रतिवेदन के आधार पर 5 करोड 31 लाख रुपये के गबन कीएफआईआर दर्ज कराई जा सकी है। लेकिन जांच एजेंसी अभी भी पूरे घोटाले का पर्दाफाश नहीं कर सकी है। वहीं, उक्त जांच ने सिमटने की जगह और व्यापक रूप अख्तियार कर लिया है, जिसके चलते शिवपुरी जिले के सभी तहसीलों में संचालित समितियों की जांच करने की भी कवायद तेज हो गई है।
इस घोटाले का मास्टरमाइंड कैशियर राकेश पराशर अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। पाराशर को पकड़ना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। पाराशर अपने परिवार के साथ घर से गायब है। अनुमान है कि वह किसी दूसरे राज्य में छिपकर रह रहा है। सूत्रों के अनुसार आरोपी राकेश पाराशर के बड़े बेटे चंचल पाराशर की गाड़ी 10 दिन पहले मथुरा से वृंदावन जाते समय खराब हो गई थी, जिसे आगरा के एक गैराज में ठीक कराया गया। चंचल के पास गैराज का बिल जमा करने के लिए पैसे कम पड़ गये तो कोलारस से उनके एक कर्मचारी ने उसके खाते में 20 हजार जमा किए थे।