विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर लिटिल स्कोलर्स स्कूल के सहायक प्रबंधक की तहरीर के आधार पर स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
आपको बता दें कि लिटिल स्कोलर्स स्कूल के सहायक प्रबंधक पंकज भल्ला ने एसीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर बताया कि कूर्मांचल कॉलोनी, निकट पर्वतीय सभा, कटोराताल काशीपुर निवासी सुबोध कुमार सिंह लिटिल स्कॉलर्स विद्यालय में दो चरणों में प्रथम बार 1 अगस्त 2000 में बतौर पीजीटी फिजिक्स भर्ती होकर तथा बाद में प्रधानाचार्य प्रोन्नत होकर मार्च 2018 तक तथा द्वितीय चरण में माह जुलाई 2018 में फ्रैश एपॉयन्टमेन्ट प्राप्त कर सितम्बर 2021 तक बतौर अध्यापक एवं प्रधानाचार्य कार्यरत रहे तथा अप्रैल 2018 में गर्ल्स स्कूल अजमेर (राजस्थान) से नियुक्ति पत्र प्राप्त कर विद्यालय से त्यागपत्र देकर चार वर्षीय कॉन्ट्रैक्ट पर अजमेर (राजस्थान) चले गये थे।
पंकज भल्ला ने बताया कि विद्यालय में अपने कार्यकाल के द्वितीय चरण के प्रारम्भ में माह जुलाई 2018 में किसी संस्था के कर्मचारियों को प्राप्त होने वाली ग्रेच्युटि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होने पर सुबोध कुमार सिंह की नीयत में खोट आ गया। उनके द्वारा स्कूल से प्रथम चरण के कार्यकाल की ग्रेच्युटि एकमुश्त मांगने की बजाय तरह-तरह के बहाने बनाकर स्कूल के खाते से धनराशियां निकालीं गयीं तथा विद्यालय के मैनेजिंग डायरेक्टर स्व. मेजर एसएन भल्ला से 3,50,000/- का इन्ट्रेस्ट फ्री लोन लिया जो कि 50,000/- की मासिक किश्तों में वापस करना था, लेकिन उन्होंने वापस नहीं किया। इस दौरान मैनेजिंग डायरेक्टर स्व. मेजर एसएन भल्ला के अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाने से वे विद्यालय का डे टू डे का कार्य देख पाने में असमर्थ हो गये। उनकी इस स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए सुबोध कुमार ने विद्यालय का नियन्त्रण अपने हाथ में होने के कारण विभिन्न प्रकार के ऐसे अनुचित एवं अविधिक कार्य अपने पक्ष में तथा चन्द ऐसे अध्यापकों के पक्ष में कर लिये। जिसमें अपने स्वयं के एवं उपरोक्त वर्णित अपने पक्ष के अध्यापकों के स्कूल रिकॉर्ड को मोडीफाइ करना जो कि सरासर गैरकानूनी है अपने स्वयं के नाम पर एवं उपरोक्त वर्णित अध्यापकों के नाम पर जिनमें नीरू पंत आदि शामिल हैं, प्रमाणपत्र जारी करना जिनका हवाला विद्यालय के रिकॉर्डस् तथा डिस्पैच एंव रिसीट रजिस्टर में होना चाहिए था लेकिन फर्जी होने के कारण नही है आदि गैरकानूनी कार्य कर लिए गये ।
पंकज भल्ला ने बताया कि सुबोध कुमार ने विद्यालय की स्टेशनरी, मोहरे एवं विद्यालय प्रबन्धक की मोहरंे विद्यालय से चुरायीं तथा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इनकी सहायता से अलग-अलग अध्यापकों नीरू पंत आदि को ऐसे गलत, मनगढंत तथा स्कूल रिकॉर्ड से इतर उनके कार्यकाल को बढ़ा चढा कर प्रमाण पत्र जारी किये जिनका कहीं कोई हवाला स्कूल रिकॉडस् में नहीं है और इन प्रमाण पत्रों के आधार पर ऐसे अध्यापकों को विद्यालय के विरुद्ध गैरकानूनी कार्यवाहियां करने, कोर्ट कचहरी आदि करने के लिए उकसाया गया। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र भविष्य में दुरुपयोग किये जाने के उद्देश्य से विद्यालय प्रबंधक के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर विद्यालय से चुरायी गई उक्त सामग्री की सहायता से स्वयं को भी जारी किये गये। इस प्रकार उसके द्वारा विद्यालय से अमानत में खयानत करते हुए इन फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर विद्यालय को लगातार ब्लैकमेल भी किया जा रहा है।
पंकज भल्ला ने आरोप लगाया कि सुबोध कुमार ने उक्त कूट रचित कार्यों में विद्यालय के खातों से मनमाने तरीकों से विभिन्न तिथियों पर जो धनराशियां अपने लिए गलत तौर पर विभिन्न खर्चों के नाम पर निकाली गई उनका वांछित भुगतान न करना उन रकमों का आज तक विद्यालय को कोई हिसाब एवं खर्चों के बिल्स न देना परिणामस्वरूप उपरोक्त रकमों का विपक्षी के नाम पर विद्यालय के लेजर एकाउण्ट में आज भी बकाया होना, विद्यालय के साथ की गयी धोखाधड़ी को साफ दर्शाता है।
पंकज भल्ला ने बताया कि दुबई से लौटकर उनके द्वारा स्वयं के पक्ष में जारी किये गये कूटरचित अनुभव एवं वेतन प्रमाण पत्रों के आधार पर इनमें फर्जी तौर पर अपना कार्यकाल बढाकर दिखाते हुए एक ग्रेच्युटी वाद सहायक श्रमायुक्त उधम सिंह नगर के न्यायालय में दायर कर दिया गया लेकिन इसके बावजूद भी उनके द्वारा कभी केन्द्रीय शिक्षा मंत्री पोर्टल पर तथा कभी मुख्यमंत्री पोर्टल पर विद्यालय के खिलाफ शिकायतें की गयीं जो कि विधिवत जांच के उपरान्त सुबोध कुमार के विरुद्ध निर्णीत हुई।
भल्ला ने बतााया कि विद्यालय द्वारा दिनांक 02.09.2022 को सुबोध कुमार के उक्त कृत्यों को दर्शाते हुए एक तहरीर थाना काशीपुर में दी गई जिसको प्राप्त कर कोतवाली काशीपुर द्वारा जांच का आश्वासन देते हुए विद्यालय को एक लम्बे समय तक टालने के बाद मामले को कुण्डेश्वरी चौकी से सम्बन्धित होने का बताकर विद्यालय को कुण्डेश्वरी चौकी में सम्पर्क करने हेतु कहा गया। वहां भी विभिन्न प्रकार की पूछताछ किये जाने के नाम पर कई बार टाला गया तथा कई मौकों पर अलग-अलग कागज एवं अन्य प्रमाण विद्यालय से मांगे गये। जिन पर विद्यालय द्वारा सुबोधकुमार द्वारा उन कूटरचित अनुभव एवं वेतन प्रमाण पत्रों की फोटोस्टेट प्रतियां पुलिस चौकी कुण्डेश्वरी को उपलब्ध करायी गयीं जो कि विद्यालय के सामने सहायक श्रमायुक्त के न्यायालय उधम सिंह नगर में आये थे तथा फोटोस्टेट प्रतियों के रूप में प्राप्त हुए थे तथा जिन पर विद्यालय प्रबंधक रितु भल्ला के फर्जी हस्ताक्षर एवं विद्यालय से चुरायी गयीं मोहरें गलत तरीके से लगी हुई तथा फर्जी सन्दर्भ संख्या / वर्ष स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं और उपरोक्त दोनों अनुभव प्रमाण पत्रों की मूल प्रतियां अपने पास होने की बात सुबोध कुमार सिंह उपरोक्त द्वारा सहायक श्रमायुक्त के न्यायालय उधम सिंह नगर में शपथ पूर्वक बयान करते हुए स्वीकार की गई हैं। इस पर भी पुलिस चौकी कुण्डेश्वरी द्वारा मामले को दर्ज न करते हुए लटकाया जाता रहा।
प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद एसीजेएम कोर्ट ने सुबोध कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये। जिसके बाद पुलिस ने सुबोध कुमार सिंह के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई संतोष देवरानी को सौंपी है।