नई दिल्ली (महानाद) : देश की आर्थिक स्थिति के बार में अच्छी खबर आई है। रिजर्व बैंक के अनुसार 2 जुलाई 2021 को समाप्त हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। इससे पिछले सप्ताह यह 608.999 अरब डॉलर था।
अब भारत 600 अरब डॉलर से अधिक विदेश मुद्रा वाले देशों में पांचवे नंबर पर पहुंच गया है। पहले नंबर पर चीन, दूसरे पर जापान, तीसरे पर स्विटजरलैंड तथा चौथे नंबर पर रूस है।
वहीं, आंकड़ांे के मुताबिक देश में सोने के भंडार में 7.6 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई है। इस समय देश में सोने का भंडार 36.372 अरब डॉलर हो गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास मौजूद एसडीआर (विशेष आहरण अधिकार) 4.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.548 अरब डॉलर हो गया है। आरबीआई के अनुसार आलोच्य सप्ताह के दौरान आईएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.105 अरब डॉलर हो गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार –
विदेशी मुद्रा भंडार देश के सेंट्रल बैंकों द्वारा रखी गई वह धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराई जाती है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से सोने के बाद विदेशी मुद्रा असेट्स का सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
बता दें कि वर्ष 1991 में देश को 40 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए अपना 47 टन सोना इंग्लैड के पास गिरवी रखना पड़ा था। आज भारत के पास एक साल से ज्यादा के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।