जसपुर : छूट गये पुलिस पर गोलियां चलाने के आरोपी

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आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : कोर्ट ने जान से मारने की नीयत से पुलिस पर फायर करने वाले अभियुक्त सलीम पुत्र लतीफ निवासी अमरोहा तथा सुभाष जाटव पुत्र बलवंत सिंह निवासी ग्राम अल्हेपुर, थाना डिलारी जिला मुरादाबाद को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार दिनांक 5 जनवरी 2018 को वादी प्रभारी निरीक्षक कोतवाली जसपुर अब्दुल कलाम थाना जसपुर गश्त पर थे कि ग्राम सूरजपुर के श्मशान घाट पर कुछ हथियारबंद बदमाश देखे गए पुलिस वालों ने उनका पीछा किया और उन्हें ललकार कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन अभियुक्तगण सलीम, सुभाष जाटव व यामीन ने पुलिस पार्टी पर अपने हाथों में लिए तमंचे-बंदूक से जान से मारने की नीयत से अंधाधुंध फायर कर दिये। पुलिस पार्टी द्वारा भी अपनी आत्मरक्षा में 13 राउंड फायर किए गए। वादी अब्दुल कलाम व पुलिस पार्टी द्वारा आवश्यक बल प्रयोग कर अभियुक्त गण को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त यामीन के कब्जे से बंदूक तथा सलीम व सुभाष के कब्जे से तमंचे 315 बोर तथा काफी मात्रा में जिंदा कारतूस एवं आठ खोखा कारतूस बरामद किए गए गये।

जांच अधिकारी एसएचओ थाना कुंडा सुधीर कुमार द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश काशीपुर विनोद कुमार के न्यायालय में वाद का सत्र परीक्षण संख्या 116/2018 अपराध संख्या 6/2018 अंतर्गत धारा 307 आईपीसी एवं 25 आम्र्स एक्ट के तहत परीक्षण हुआ। अभियोजन के द्वारा 7 गवाह परीक्षित कराए गए, जिनमें इंस्पेक्टर अब्दुल कलाम, एसआई अनिल जोशी, एसआई लाखन सिंह, कांस्टेबल रविंद्र कुमार, एसआई कमलेश भट्ट, निरीक्षक सुधीर कुमार, एसआई नवीन भट्ट को परीक्षित कराया गया तथा जिलाधिकारी उधम सिंह नगर एवं विधि विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा दी गई रिपोर्ट पुलिस द्वारा व अभियुक्त गण द्वारा फायर किए गए खाली खोखे दस्तावेजी साक्ष्य दाखिल किए गए।

द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा एवं भास्कर त्यागी तथा अपर जिला शासकीय अधिवक्ता के तर्कों को सुना एवं पत्रावली का परिशीलन किया।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा एवं भास्कर त्यागी का तर्क था कि पुलिस द्वारा जो भी घटना बनाई गई है उसके विधिक प्रमाण माल खाना रजिस्टर आदि न्यायालय में पेश नहीं किए गए हैं तथा इतनी बड़ी मुठभेड़ के बावजूद भी किसी भी अभियुक्त तथा पुलिसगण के कोई चोट ना आना व घटनास्थल पर घनघोर अंधेरा होना घटना को संदिग्ध बना देता है।

जिला शासकीय अधिवक्ता ने कहा अभियुक्त अभ्यस्त अपराधी हैं और इनका अपराध अत्यंत गंभीर है। इन्हें सख्त सजा दी जाए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा एवं भास्कर त्यागी द्वारा अभियुक्त गण को दोषमुक्त करने की प्रार्थना की गई।

न्यायाधीश विनोद कुमार द्वारा संदेह का लाभ देते हुए अभियुक्तगण सलीम एवं सुभाष को दोषमुक्त कर दिया गया। अभियुक्त यामीन की दौरान ए विचारण मृत्यु हो चुकी थी।